नयी दिल्ली । जीएसटी काउंसिल की 49वीं बैठक में छात्रों को बड़ी राहत दी गई। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी जैसी सरकारी संस्थाएं अपने एंट्रेंस टेस्ट की जो फीस लेती हैं, उस पर परीक्षार्थियों को अब कोई जीएसटी नहीं देना होगा। इस फीस पर छात्रों को अब तक 18 फीसदी जीएसटी देना पड़ता है। यानी अब जेईई, नीट जैसे तमाम एंट्रेंस टेस्टों की फीस कम हो सकती है। इसके अलावा, पेंसिल और शार्पनर पर जीएसटी घटाया गया है। अब तक इन पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है। अब इसे 12 फीसदी कर दिया गया है। जीएसटी काउंसिल ने खुले में बेचे जाने वाले गन्ने की राब (लिक्विड गुड़) पर लगने वाले जीएसटी की दर 18 फीसदी से घटाकर जीरो करने का फैसला लिया है। इसका उत्पादन यूपी जैसे राज्यों में ज्यादा होता है।
इन सामानों के उत्पादन पर लगेगा टैक्स
जीएसटी काउंसिल ने पान मसाला और गुटखा पर ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की सिफारिशें मंजूर कर लीं। अभी तक पान मसाला, गुटखा पर मुआवजा सेस इनके बिक्री मूल्य पर लगता था, जिससे राजस्व में नुकसान हो रहा था। इसे रोकने के लिए अब इनके उत्पादन पर टैक्स ले लिया जाएगा। इसका नोटिफिकेशन जल्द जारी होगा। जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि सभी राज्यों को बकाया मुआवजा 16,982 करोड़ रुपये जारी कर दिया जाएगा। ऑनलाइन गेमिंग पर ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की रिपोर्ट को बैठक में नहीं लिया जा सका।
कारोबारियों को राहत
कारोबारियों को सालाना रिटर्न भरने में देरी होने पर राहत दी गई है। जिन लोगों का कारोबार पांच करोड़ रुपये तक है, अगर वे देरी से सालाना रिटर्न भरते हैं तो अब तक उन पर विलम्ब शुल्क 200 रुपये रोजाना की दर से लगता था। इसे घटाकर अब 50 रुपये रोजाना कर दिया गया है। जिन लोगों का कारोबार 5 से 20 करोड़ रुपये के बीच है, उन्हें विलम्ब शुल्क 100 रुपये प्रतिदिन देना होगा। जिन लोगों का कारोबार 20 करोड़ रुपये से ज्यादा है, उन्हें कोई राहत नहीं दी गई है। उन्हें विलम्ब शुल्क रोजाना 200 रुपये के हिसाब से ही देना होगा।