कोलकाता : साहित्य अकादमी ने अन्तरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर अकादमी के कोलकाता कार्यालय सभागार में गत 21 फरवरी को एक बहुभाषी कवि सम्मेलन का आयोजन किया। शुरुआत में, साहित्य अकादमी के क्षेत्रीय सचिव डॉ। देवेंद्र कुमार देवेश ने मेहमानों और दर्शकों का स्वागत किया और कार्यक्रम की रचना की। मीट में असमिया कवि सिद्धार्थ शंकर कालिता, बोडो कवि फुकन बसुमतारी, चकमा कवि चकमा आशिम रॉय, खासी कवि मिनिमन लल्लो, हिंदी कवि एकांत श्रीवास्तव, मैथुनी कवि विद्यानंद झा, मणिपुरी कवि ओकेन्द्र खुंदगबम, नेपाली कवि युवा बराल अनंता ‘अनंता। कवि हेमंत मोहंती, संताली कवि पांचू गोपाल हेम्ब्रम और उर्दू कवि जरीना ज़रीन ने उनके लेखन को पढ़ा। कुछ कवियों ने श्रोताओं तक अपनी बात पहुंचाने के लिए अंग्रेजी और हिंदी अनुवादों में अपनी कविताओं का पाठ किया। अधिकांश कविताएँ प्रकृति, भाषा, समाज, समकालीन स्थिति और इस दुनिया के विभिन्न पहलुओं जैसे विषयों पर केंद्रित थीं। हिंदी के प्रख्यात प्रोफेसर और वरिष्ठ आलोचक नामवर सिंह को श्रद्धांजलि दी गयी। वे साहित्य अकादमी के अध्येता और फेलो थे। साहित्य अकादमी की ओर से बांग्ला विद्वान अश्रु कुमार सिकदर को भी श्रद्धांजलि दी गयी