रुढ़िवादी मानसिकता को छोड़ युवा पढ़ लिखकर खुद के साथ ही देश की तरक्की की बात करने लगे हैं। मामला बाल विवाह सरीखी कुप्रथा का है। वैसे तो श्रवस्ती में नाबालिगों का विवाह आम बात है। लेकिन यह पहली दफा है जब किसी नाबालिग (कक्षा-नौ के छात्र) ने इसके खिलाफ आवाज उठाई है। पीड़ित ने अपने पिता के ही खिलाफ मल्हीपुर थाने में तहरीर दे दी। मामला मल्हीपुर थाने के ग्राम फत्तेपुर बनगई स्थित गड़रियनपुरवा गांव का है।
यहां रहने वाले बिकाऊ लाल ने अपने नाबालिग पुत्र हनुमान प्रसाद की शादी तय की है। जबकि हनुमान प्रसाद अभी कक्षा नौ की पढ़ाई कर रहा है। शादी की बात सुनकर हनुमान प्रसाद के होश उड़ गए। उसने पिता को कानून का हवाला देकर कहा कि उसकी शादी अभी नहीं की जा सकती। उसने तर्क दिया कि उसे पढ़ लिखकर कुछ बनना है, लिहाजा शादी नहीं करेगा। हालांकि परिजनों ने हनुमान की बात नहीं मानी और उल्टा दबाव बनाने लगे। यह देख हनुमान ने पुलिस से मदद की ठानी। शनिवार को मल्हीपुर थाने में पिता के खिलाफ तहरीर देकर शादी रुकवाने की गुहार की।