हिन्दी सीखने के लिए बच्चन, जयशंकर प्रसाद और सुमित्रानंदन पन्त को पढ़ चुके हैं आदित्य ठाकरे

मुम्बई  : बाल ठाकरे अक्सर कहा करते थे कि मैं या मेरे परिवार का कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ेगा। लेकिन अब 1966 में बनी पार्टी शिवसेना के मुखिया ठाकरे परिवार की परम्परा टूट रही है। पार्टी की विंग युवा सेना के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे करीब 11 साल की लंबी तैयारी के बाद वर्ली (मुम्बई) से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। 29 वर्षीय आदित्य, उद्धव ठाकरे के पुत्र हैं। वे महाराष्ट्र में युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं। वे कई बार पार्टी की लाइन से हटकर भी काम करने में नहीं कतराते हैं।
उत्तर भारतीयों के आयोजन के आयोजन में शामिल हुए
हाल ही में आदित्य ने मुंबई में उत्तर भारतीयों के आयोजन कजरी महोत्सव में शिरकत की। वे ऐसे करीब एक दर्जन कार्यक्रमों में गए। यहाँ उन्होंने गमछा ओढ़ा, पगड़ी पहनी और चौपाई भी बोली। जबकि उनकी पार्टी को उत्तर भारतीयों की विरोधी माना जाता है। ऐसे ही मुंबई में जब आरे के जंगल के पेड़ों को बचाने की बात आई, तो उन्होंने सत्तारूढ़ दल होते हुए भी जन भावनाओं के पक्ष में आवाज उठाई। इस बात की जानकारी बहुत ही कम लोगों को है कि उन्होंने सक्रिय राजनीति में आने से पहले, सबसे पहले हिन्दी सीखी।

कभी भी लिखा हुआ भाषण नहीं पढ़ते

आदित्य ठाकरे जब स्कूल में पढ़ते थे, उस वक्त हिंदी के शिक्षक विनय दुबे ने उन्हें घर जाकर हिंदी सिखाई है। वे बताते हैं कि आदित्य की अंग्रेजी पर पकड़ बहुत अच्छी है। लिहाजा उनकी मां रश्मि ठाकरे की इच्छा थी कि वे हिंदी भी धाराप्रवाह बोलें। विनय बताते हैं कि हिंदी सुधारने के लिए उन्होंने हरिवंश राय बच्चन, जयशंकर प्रसाद और सुमित्रानंदन पंत सहित कई कवियों को खूब पढ़ा। मैंने उन्हें हिंदी की बोलचाल में मुहावरों का प्रयोग करना सिखाया। उच्चारण में मुश्किल शब्दों का इस्तेमाल करने से बचने की भी सलाह दी। वे कभी भी लिखा हुआ भाषण नहीं पढ़ते हैं।
कई बॉलीवुड सितारे आदित्य के लिए करना चाहते हैं प्रचार
युवा सेना के सचिव वरुण सरदेसाई आदित्य की कोर टीम के महत्वपूर्ण सदस्य हैं। वे बताते हैं कि जब से आदित्य ठाकरे ने नामांकन दाखिल किया है कई बॉलीवुड सितारों ने प्रचार करने की इच्छा भी व्यक्त की है। गौरतलब है कि अमिताभ बच्चन की विशेष उपस्थिति में आदित्य ठाकरे के काव्य संग्रह का विमोचन हुआ था। सलमान खान के घर गणपति का दर्शन करने आदित्य जाते रहे हैं। अक्षय कुमार तो शिवसेना द्वारा मुम्बई में कई स्थानों पर शुरू किए गए ओपन जिम और महिलाओं के लिए शुरू किए गए आत्मरक्षा कक्षाओं यानी  सेल्फ डिफेंस क्लासेस के उद्घाटन समारोह में भी उपस्थित होते रहे हैं।
वर्ली में काफी लोकप्रिय हैं
प्रशांत किशोर की 100 लोगों की टीम शिवसेना को ग्राउंड रियलिटी की जानकारी दे रही है। वरली सहित महाराष्ट्र की जिन 124 सीटों पर शिवसेना चुनाव लड़ रही है, उसकी ग्राउंड रिपोर्ट बूथ वाइज तैयार कर प्रशांत की टीम दे रही है। आदित्य वर्ली में काफी लोकप्रिय हैं, इसलिए केवल तीन दिन ही वहां प्रचार करने के लिए जाएंगे।
कविताएं लिखने का शौक, म्यूजिक एल्बम भी आ चुका
आदित्य ने बॉम्बे स्कॉटिश स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा ली है। इसके बाद उन्होंने सेंट जेवियर्स से इतिहास में ग्रेजुएशन किया है। उन्होंने केसी लॉ कॉलेज से कानून की भी पढ़ाई की है। वर्ष 2007 में ही उनकी कविताओं की किताब ‘माय थॉट्स इन वाइट एंड ब्लैक’ लॉन्च हो चुकी है। उन्हें जब भी कोई अच्छी लाइन याद आती है वे मोबाइल में ही लिख लेते हैं। उनका उम्मीद नाम से एक म्यूजिक एल्बम भी आया है। आदित्य ने महाराष्ट्र के करीब 40,959 गांवों में से 10 हजार से अधिक गांवों से गुजरते हुए चार हजार किमी की लंबी जन आशीर्वाद यात्रा की है।

राजनीति पर कम खेल, शिक्षा, और रोजगार पर फोकस

युवा सेना के गठन के साथ ही आदित्य ठाकरे के साथ संगठन में सचिव के रूप में पिछले 11 वर्षों से कार्य कर रहे पुर्वेश सरनाईक बताते हैं कि महाराष्ट्र की जनसंख्या करीब 11 करोड़ 24 लाख है। इसमें से करीब 47 फीसदी लोगों की औसत उम्र 29 साल है। आदित्य ठाकरे की उम्र भी इतनी ही है। ऐसे में विधानसभा चुनाव लड़ने की उनकी टाइमिंग एकदम सही है। युवा सेना सचिव सूरज चव्हाण बताते हैं कि आदित्य दूसरे नेताओं की तरह कुर्ते पायजामे के बदले चाइनीज कॉलर की शर्ट के साथ में चीनोस की पैंट और जूते पहनते हैं। युवाओं के बीच आदित्य पॉलिटिक्स की कम खेल, शिक्षा, कॉलेज और रोजगार जैसे विषयों पर बात करते हैं, जिससे युवा आसानी से उनके साथ जुड़ जाता है।

शिवसैनिकों पर कसी लगाम

आदित्य ठाकरे के मौजूदा कोर ग्रुप में शामिल प्रियंका चतुर्वेदी का कहना है कि उन्होंने 18 साल की कम उम्र में ही लोगों से जुड़ने की यात्रा शुरू कर दी थी। वे करीब 9 से 11 वर्षों से सक्रिय राजनीति में रहे हैं। उन्होंने देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई के कॉस्मोपोलिटन कल्चर को समझा। वैलेंटाइन-डे पर शिवसैनिकों द्वारा की जाने वाली तोड़फोड़ की घटना को न सिर्फ लगााम कसी बल्कि अब ऐसी घटनाएं लगभग बंद ही हो गई हैं।

(साभार – दैनिक भास्कर)

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