स्वच्छ हवा चाहिए तो घर में लगाइए पौधे और रहिए स्वस्थ

भारत दुनिया के सबसे प्रदूषित देशों में से एक है। प्रदूषित हवा संबंधी बीमारियों की वजह से यहां एक साल में करीब 12 लाख लोग असमय मर जाते हैं। स्टेट ग्लोबल एयर 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदूषित हवा की वजह से वैश्विक स्तर पर आयु औसतन 1 साल 8 महीने कम हो गई। हवा में प्रदूषण पार्टिकल्स की अधिकता है। ऐसे में फेफड़ों का कैंसर, शुगर, हार्ट अटैक व स्ट्रोक जैसी बीमारियां बढ़ती जा रही हैं। लोग इलेक्ट्रॉनिक एयर प्यूरिफायर इस्तेमाल कर शुद्ध हवा लेने की कोशिश करते हैं लेकिन जरूरत पेड़ों की है, जो अपने आप में नैचुरल प्यूरिफायर हैं। हमारे पर्यावरण में कुछ ऐसे इनडोर पौधे भी मौजूद हैं, जो किसी एयर प्यूरिफायर से कम नहीं, खुद नासा ने इस बात को माना है –
एरेका पाम: गर्मी-सर्दी हर मौसम बर्दाश्त कर लेता है। यह बहुत तेजी से बढ़ता है। इस वजह से आक्सीजन भी ज्यादा देता है और हवा भी ज्यादा फिल्टर करता है। यह कार्बन डाईऑक्साइड को ऑक्सीजन में बदलता है।
जैड-जैड प्लांटः मैदानी इलाकों के मौसम के लिए उपयुक्त पौधा है। इस पौधे की टहनी को किसी दूसरे गमले में लगा देने से उसमें पौधा तैयार हो जाता है। यह घर की हवा से टोल्यूनि व जाइलीन को खत्म करता है और आक्सीजन लेवल बढ़ता है। हवा से एयरबोर्न बैक्टीरिया भी खत्म करता है।
मनी प्लांटः यह मिट्टी और पानी दोनों जगह पैदा हो सकता है। इसकी खासियत यह है कि इसकी डंठल भी लगा दें तो यह जड़ पकड़ लेता है। यह हवा से फोर्मलडीहाइड को भी दूर करने में मदद करता है।
एग्लोनिमा प्लांटः यह कई रंग में आता है। आक्सीजन तो छोड़ता है। साथ साथ हवा से फॉर्मलडिहाइड, कॉर्बन मोनोअॉक्साइड और बेंजीन को अपने अंदर समाहित कर लेता है।
सिंगोनियम प्लांटः यह प्लांट सफेद पत्तों से लेकर लाल, पीला, ग्रीन आदि रंगों में आता है। यह डेकोरेशन के साथ-साथ एक एंटी पोल्यूटेंट का काम करता है। घर के अंदर की हवा से प्रदूषण कम करता है। यह पौधा हवा से बेंजीन, फॉर्मलडिहाइड को कम करता है। यह वायु जनित रोगाणुओं को घटा कर वातावरण में नमी बढ़ाता है।
सान्सेवीरिया प्लांटः यह पौधा हर वातावरण में रह सकता है। यह कॉर्बन मोनोऑक्साइड, बेंजीन, एक्सलीन, फॉर्मलडिहाइड, ट्राईक्लोरोइथीलीन को कम करता है।
नासा ने रिसर्च के बाद की पुष्टि
अमेरिका की नेशनल ऐरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के शोधकर्ता बीसी वोलवर्टन ने इनडोर प्लांट पर 10 साल तक रिसर्च की। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि ये पौधे न केवल हवा की गुणवत्ता में सुधार करते हैं बल्कि जहरीले कणों को भी खत्म करते हैं। इसके अलावा हल्के स्तर के जहरीले कणों को खत्म कर हवा को साफ करते हैं।
मानसिक तनाव होता है कम: रिसर्च
2015 में कोरिया के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया शोध बताता है कि इनडोर प्लांट मानसिक तनाव कम करता है। इसके साथ-साथ वर्क प्लेस पर होने वाले तनाव को भी कम करता है। आंखों को देखने में अच्छे लगते हैं और मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में स्वास्थ्य संबंधी मौत का तीसरा सबसे बड़ा कारण वायु प्रदूषण है। 2017 में भारत में 12 लाख लोगों की असमय मौत वायु प्रदूषण की वजह से हुई। जबकि चीन में प्रदूषण से मरने वालों की संख्या 14 लाख था। प्रदूषण की वजह से एशिया में बच्चों की औसत उम्र 30 महीने कम हो गई है जबकि यह लेवल विश्व स्तर पर 20 महीने का है।

(साभार – दैनिक भास्कर)

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