सिर्फ 10 प्रतिशत महिलाओं को टिकट, बड़े दल नहीं मानते जिताऊ

भोपाल :  नगरीय निकायों चुनाव में 50 फीसदी आरक्षण के बावजूद इस बार भी बड़े दलों ने महिलाओं को टिकट देने में कंजूसी दिखाई। भाजपा-कांग्रेस ने सिर्फ 10 फीसदी टिकट महिलाओं को दिए। भाजपा ने 230 में से 25 तो कांग्रेस ने 229 में से 28 महिलाओं पर भरोसा जताया। ताज्जुब की बात है कि दोनों दलों ने महिला विंग की प्रमुखों को भी जिताऊ नहीं माना। कांग्रेस से महिला कांग्रेस की मांडवी चौहान हुजूर (भोपाल) तथा भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष लता ऐलकर बालाघाट से टिकट मांग रही थीं। उल्लेखनीय है कि इस बार 385 महिलाएं चुनाव में उतरी हैं।
शिवराज सरकार में सिर्फ पांच महिला मंत्री रहीं। इनमें से भी दो मंत्रियों माया सिंह और कुसुम मेहदेले का टिकट काट दिया। पूरे मंत्रिमंडल से चार मंत्रियों को टिकट नहीं मिला। महिला मोर्चा प्रभारी कृष्णा गौर को ही अपने टिकट के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ी। इसी तरह कांग्रेस में वर्तमान महिला कांग्रेस अध्यक्ष मांडवी चौहान की दावेदारी बेकार गई। इससे पहले मसर्रत शाहिद को 2013 और अब 2018 में भी टिकट दिया गया। मसर्रत से पहले अर्चना जायसवाल थी, जिन्हें टिकट दिया गया और वो हार गईं। साफ है कि मप्र में अभी भी महिलाओं को दावेदारी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
दावेदार थीं पर कट गया नाम : दिग्विजय के शासनकाल में भाजपा की महिला मोर्चा की कमान वर्तमान वित्तमंत्री जयंत मलैया की पत्नी सुधा मलैया के पास थी। उन्हें आज तक टिकट नहीं मिला। इसके बाद करुणा शुक्ला कांग्रेस से मोर्चा की अध्यक्ष थीं, जिन्हें छत्तीसगढ़ में टिकट मिला है। इसके बाद से महिला मोर्चा की प्रमुख की राह कठिन होती गई। ऊषा चतुर्वेदी चुनाव लड़ना चाहती थीं, लेकिन उन्हें समाज कल्याण बोर्ड और बाल कल्याण बोर्ड तक ही सीमित रखा गया। अंजू माखीजा भी इंतजार करती रह गईं। सीमा सिंह को कुछ नहीं मिला। 2005 में पार्षद का टिकट दिया गया तो तत्कालीन संगठन महामंत्री कप्तान सिंह ने टिकट वापस लेकर किसी और को दे दिया।
भाजपा ने घटाए, कांग्रेस ने बढ़ाए टिकट
2013 : भाजपा ने 28 महिलाओं को टिकट दिया था। इनमें से 22 विधायक बनीं। कांग्रेस ने 21 को टिकट दिया था, 6 जीतीं। तब 200 सीटों पर महिला प्रत्याशी थीं। 144 की जमानत जब्त हुई थी।
2008 : भाजपा ने 22 महिलाएं मैदान में उतारी थीं। इनमें से 15 जीतीं। कांग्रेस की 11 महिलाएं विधायक बनीं थीं। तब 200 सीटों पर महिलाएं मैदान में थीं। 167 की जमानत जब्त हुई थी।

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