कोलकाता : साहित्यिकी संस्था ने जूम अॉन-लाइन पर होली मिलन मनाया जिसमें अट्ठारह से अधिक सदस्याओं ने अपनी रचनात्मक ऊर्जा से सरोबार किया। गीत संगीत कविताएं होली के विविध अनुभव और हास्य व्यंग्य की पिचकारियों ने सभी के तन मन को उमंग और उत्साह से पूर्ण कर दिया ।नमिता जायसवाल, उमा झुनझुनवाला, पूनम पाठक, विद्या भंडारी, कुसुम जैन, सुषमा हंस, सविता पोद्दार, मंदिरा भट्टाचार्य, सुधा भार्गव, उर्मिला प्रसाद, वाणीश्री बाजोरिया, बबिता मांधडा़, उषा श्राफ, रंजना पाठक, सरिता बैंगानी, नुपूर अशोक, वसुंधरा मिश्र आदि सदस्याओं ने अपने गीत संगीत और कविताओं हास्य व्यंग्य की विविध रचनाओं से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। साजन होली आई( फणीश्वरनाथ रेणु जी की कविता), लोक गीतों में कन्हैया कहे चलो गुंइया, अवधी, राजस्थानी, हिंदी के गीतों ने श्रोताओं का दिल जीत लिया। दुर्गा व्यास, आशा जायसवाल आदि पचास से अधिक सदस्याओं और श्रोताओं ने होली मिलन समारोह में उपस्थिति दर्ज कराई। फेसबुक पर भी इस कार्यक्रम को लाइव देखा गया।
नुपूर अशोक और वाणी मुरारका तकनीकी व्यवस्था को बनाए रखने में सहायक बनीं।सचिव गीता दूबे ने कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की। अंत में, साहित्यिकी संस्था की अध्यक्ष कुसुम जैन ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन किया डॉ वसुंधरा मिश्र ने।