समय के अनुसार प्रबन्धन संस्थानों को बदलने के पक्ष में हैं शिक्षाविद् व प्रबन्धन शिक्षक

मुख्य बातें –
बीआईएमएस, कोलकाता, इंडियन मैनेजमेंट स्कूल एसोसिएशन ने आयोजित किया एम्स का पूर्वी क्षेत्रीय सम्मेलन
वरिष्ठ शिक्षाविद तथा प्रबंधन शिक्षकों ने  की‘प्रबन्धन के नए आदर्शों’ पर चर्चा 

कोलकाता :  भारतीय विद्या भवन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट साइंस (बीआईएमएस) ने इंडियन मैनेजमेंट स्कूल एसोसिएशन के साथ संयुक्त तौर एम्स पूर्वी क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित किया। सम्मेलन का उद्देश्य भारत में प्रबन्धन शिक्षा के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर नेतृत्व करने वाले देश के रूप में स्थापित करने के लिए अप्रयुक्त सम्भावनाएँ तलाशना था, जो कि वैश्विक शिक्षा के लिए नवीन एवं सक्रिय योगदान के माध्यम से प्राप्त किया जा सके। सम्मेलन ने वरिष्ठ शिक्षाविदों तथा प्रबंधन शिक्षकों को एक साथ लाने का कार्य किया जिन्होंने अपने बहुमूल्य विचारों एवं अन्तर्दृष्टियों को साझा किया, ‘प्रबन्धन के नए आदर्शों’ विषय पर अपने विचार रखते हुए उन्होंने अपने क्षेत्रीय स्तर के कार्यानुभवों को बाँटा तथा महत्वपूर्ण कार्य प्रणालियों को भी रेखांकित किया। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रो. आर.सी. भट्टाचार्य (अध्यक्ष, एम्स, पश्चिम बंगाल खंड) जी ने प्रबंधन शिक्षा में आधुनिक अधिगम के तकनीकों तथा पाठ्यक्रमों की आवश्यकताओं पर बल दिया। उन्होंने कहा, “आधुनिक प्रबंधन शिक्षा में, हम लोग कई नवीन तकनीकों से अवगत हुए है जैसे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, आईओटी आदि। और हमें इन विषयों को अपने में समाहित करना है, अन्यथा हमारे छात्र पीछे रह जाएँगे। साथ ही, अमेरिका के एएसीएसबी के एक अध्ययन के अनुसार, कई छात्र एस टी ई एम (विज्ञान, तकनीक, अभियांत्रिकी तथा गणित) को चुन रहे हैं, इसलिए आवयश्कता है कि हम गहराई में जा कर देखे और महसूस करें कि क्या ऐसे विषयों को हमारे पाठ्यक्रम में शामिल करने की आवयश्कता है।’’ सम्मेलन के विषय में बात करते हुए इन्होंने कहा, “ हमने सम्मेलन का विषय ‘प्रबंधन के नए आदर्श’ रखा, ताकि हम भारत तथा विश्व में हो रहे विभिन्न परिवर्तनों को देख सकें। अब आवश्यकता है कि हम पुनः अपने प्रबंधन की शिक्षा को देखे तथा सही रणनीति खोजें। मुझे यकीन है कि आज के विवेचना के पश्चात, हम कुछ नए विषयों एवं विचारों को समझेंगे, जिसे हमें अपने पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए ताकि आज के वर्तमान संदर्भ में प्रबंधन शिक्षा को अधिक प्रासंगिक बनाया जा सकें। अपने सम्बोधन में, डॉ. सुजाता मंगाराज़ (निदेशक एवं डीन (शिक्षाविद) भवन्स सेन्टर फॉर कम्यूनिकेशन्स एंड मैनेजमेंट ने कहा, “ प्रबन्धन शिक्षा लगातार उत्कृष्टता के लक्ष्य की प्राप्ति तथा मूल्यों के वितरण के लिए परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। व्यापार अत्यधिक जटिल एवं प्रतिस्पर्द्धी हो गया है, काम करने का माहौल काफी बदल रहा है इसलिए बिजनेस स्कूल को नये तरीके खोजने होंगे जिससे नए परिप्रेक्ष्य में नेतृत्व करने वाले तथा भविष्य के प्रबंधको को वैश्विक व्यापार की चुनौतियों पर विजय हासिल करने के लिए तैयार किया जा सकें। अवधारणाएँ अब एक भिन्न रणभूमि पर पहुँच गई है, जो आलोचनात्मक वैचारिक योग्यता, डाटा एनालिटिक्स, डिजिटल अवरोधों , नवोन्मेष, रचनात्मकता, सामाजिक उद्दमिता आदि की माँग करता है। इस नए उभरते शिक्षा जगत में, हमें पुनः वर्तमान व्यापारिक शिक्षा के मॉडल को जाँच करना चाहिए तथा इस उद्योग के मानदंडो पर खरा न उतरने वाले अप्रचलित मानकों को बदल देना चाहिए। इसलिए इसी संदर्भ में विचार करते हुए, AIMS पूर्वी क्षेत्र ने प्रबंधन शिक्षा के नए आदर्श उद्योग का नया युग 4.0 विषय पर सम्मेलन रखना उपयुक्त समझा। ’’ सम्मेलन में दो पैनल चर्चा तथा पत्र प्रस्तुति का भी आयोजन किया गया। प्रथम पैनल चर्चा सत्र का विषय – ‘ नए युग में उद्योग 4.0 – बी-स्कूलों के लिए अनिवार्य ’ पर हुआ जिसमें देवार्घ देव ( क्षेत्रीय HR , डाबर इंडिया, लि. ), श्री नदीम काज़ीम (ग्रुप सीएचआरओ, ट्रैक्टर इंडिया लि.) तथा सीतानाथ मुखोपाध्याय (एमएसएमई विभाग) वक्ता के तौर पर शामिल हुए। दूसरे पैनल चर्चा के सत्र में, वक्ता के रूप में मनमीत सिंह (वरिष्ठ संयुक्त निदेशक, व्यावसायिक श्रेष्ठ, केलॉग्स इंडिया लि. ) तथा डॉ. चंद्रिमा बनर्जी ( निदेशक, यूनिग्रो सोल्यूशन्स प्राइवेट लि. ) साथ ही संचालक के रूप में प्रो. (डॉ.) शांतनु राय (निदेशक, एसएनयू) रहे, जिन्होंने ‘ स्पर्श बिंदु से विश्वास बिंदु ’ विषय पर चर्चा की।
सम्मेलन के समापन सत्र में डॉ. राजगोपाल धर चक्रवर्ती ( निदेशक , आईआईएसडब्ल्यूबीएम तथा संरक्षक, एम्स, पश्चिम बंगाल खंड ), डॉ. अजय पाठक (निदेशक,आईसीएफएआई , कोलकाता) , डॉ. नवीन दास ( निदेशक, एनएसएचएम, कोलकाता) एवं डॉ. तापस साहा (निदेशक, आईएमएस, कोलकाता तथा कोषाध्यक्ष एम्स, कोलकाता खंड ) उपस्थित थे। डॉ. आर.के. पात्र (प्राचार्य, बीआईएमएस, कार्यकारी सदस्य, पूर्वी क्षेत्र तथा संयोजक सचिव, एम्स) ने कहा, “ भारतीय विद्या भवन प्रबंधन संस्थान में, हम प्रयास करते हैं कि अन्तर्निहित क्षमताओं को विज्ञान एवं प्रबंधन जगत में बढ़ते हुए व्यवासायिक शिक्षा से मिलाकर तैयार करें। हमें बहुत प्रसन्नता है कि ऐसे सम्मेलन का आयोजन हमारे परिसर में हुआ है। हमें यकीन है कि सम्मेलन के विवेचना का जो निष्कर्ष निकाला है, वो हमारे छात्रों को उत्कृष्ट शैक्षणिक उपलब्धियों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करने के साथ-साथ हमारे शिक्षकों को भी प्रासंगिक प्रबंधन शिक्षा प्रदान करने में प्रबुद्ध करेगा। ’’
उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के तौर पर डॉ. सैकत मित्रा (उपकुलपति, मौलाना अबुल कलाम आजाद तकनीकी विश्वविद्यालय – एमएकेएयूटी ), प्रमुख अतिथि डॉ. ध्रुव ज्योति चट्टोपाध्याय (उपकुलपति, एमिटी विश्वविद्यालय, कोलकाता), विशिष्ट अतिथि डॉ. प्रीति रंजन माँझी (प्राचार्या, आरसीएम भुवनेश्वर तथा कार्यकारी बोर्ड सदस्य, पूर्वी क्षेत्र एम्स), डॉ. सुजाता मंगाराज (निदेशक एवं डीन (शिक्षाविद) भवन्स संचार एवं प्रबंधन केंद्र, भुवनेश्वर तथा क्षेत्रीय उपाध्यक्ष, एम्स पूर्वी क्षेत्र मौजूद रहे, वक्ता के तौर पर श्री सीतानाथ मुखोपाध्याय (एमएसएमई विभाग) साथ ही डॉ. आर.के. पात्र (प्राचार्य, बीआईएमएस, कार्यकारी सदस्य, पूर्वी क्षेत्र तथा संयोजक सचिव, एम्स) एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

(अनुवादक – नीरज सिंह)

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