देश की रक्षा करने के लिए सेना के जवान कितने त्याग करते हैं, इसका अंदाजा शायद ही आपको हो। घर-परिवार और अपने सगे संबंधियों से हमेशा दूर रहकर अपनी पूरी जिंदगी बिताने वाले जवानों के लिए यह देश हमेशा उनका ऋणी रहेगा। जवानों के साथ ही उनके परिवार को भी त्याग करना पड़ता। अपने सपूत या पति से हमेशा दूर रहकर उनकी मां और पत्नी किस परिस्थिति में रहते होंगे, इसकी सिर्फ कल्पना ही की जा सकती है। और यही जवान जब देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे देते हैं तो परिवार को असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है। इसीलिए उनकी हिम्मत और हौसले की दाद देनी होगी। कुछ ऐसी ही स्थिति असम में जान गंवाने वाले इंडियन एयरफोर्स के विंग कमांडर दुष्यंत वत्स के अंतिम संस्कार में देखने को मिली।
भारतीय वायुसेना में विंग कमांडर दुष्यंत वत्स की जान 15 फरवरी को माजुली जिले में माइक्रोलाइट विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से चली गई थी। उनके साथ विमान में एक और पायलट की भी जान गई थी। वत्स के अंतिम संस्कार की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इस तस्वीर में दुष्यंत वत्स की पत्नी मेजर कुमुद डोगरा अपने पति के अंतिम संस्कार में जाते हुए दिख रही हैं। इस तस्वीर में मेजर कुमुद की गोद में उनकी पांच दिन की बच्ची भी है। इस दृश्य को देखकर वहां अंतिम संस्कार में मौजूद सभी लोगों की आंखे नम हो गईं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विंग कमांडर वत्स अपनी बच्चों को भी नहीं देख सके थे।
मेजर कुमुद सेना में नर्सिंग ऑफिसर हैं। इंडियन एयरफोर्स का माइक्रोलाइट वायरस SW-80 बीते 15 फरवरी को दोपहर 1 बजे के करीब क्रैश हो गया था। एयरक्राफ्ट ने जोरहट एयरफोर्स स्टेशन से लगभग 11.30 बजे अपनी उड़ान भरी थी। यह चॉपर दोपहर में रूटीन के अनुसार जोरहाट एयरबेस से उड़ा था। लगभग 12.45 के आसपास विमान ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल से अपना संपर्क खो दिया। तेजपुर में रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल हर्षवर्धन पांडेय ने इस दुर्घटना में विंग कमांडर जे पॉल जेम्स और दुष्यंत वत्स की मौत की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि घटना के जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
हादसे के बाद चॉपर का मलबा घटनास्थल के पास देखा गया था, जिसके बाद जांच के आदेश दिए गए। अधिकारियों के अनुसार, एयरक्राफ्ट हादसा तकनीकी खामियों के कारण हुआ था। हादसे के वक्त वहां मौजूद लोगों ने बताया कि क्रैश होने से पहले एयरक्राफ्ट में आग लग गई थी। यह जगह जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर है। इंडियन एयरफोर्स की टीम पुलिस के साथ मौके पर पहुंची और विंग कमांडर के शव को अपने कब्जे में लिया। इसके पहले 6 अक्टूबर 2017 को अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में एक एयरक्राफ्ट दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें सवार सभी 7 लोगों की मौत हो गई थी।