विद्यासागर विवि में मनाई गई तुलसी और प्रेमचंद जयंती

विद्यासागर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की ओर से तुलसी और प्रेमचंद की जयंती के अवसर पर ‘तुलसी एवं प्रेमचंद की प्रासंगिकता’विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पूर्व पी.जी. सेक्रेटरी डॉ. अब्दुर रहीम ने प्रेमचंद को भारतीयता का लेखक माना। डॉ. पंकज साहा ने कहा कि प्रेमचंद की अचर्चित कहानियां प्रासंगिक हैं, उनका नाटक ‘कर्बला’ सांप्रदायिक सद्भाव के लिए प्रासंगिक है। शिक्षक रणजीत सिन्हा ने कहा कि प्रेमचंद गांधी और तुलसी से ज्यादा प्रभावित हैं।  प्रो. संजय जायसवाल ने कहा कि प्रेमचंद भारतीय समाज के प्रतिनिधि रचनाकार हैं, जिनकी रचनाओं में जीवन की समग्रता है। विभागीय अध्यक्ष प्रो. दामोदर मिश्र ने कहा कि तुलसी और प्रेमचंद अपने युग के उच्च मूल्यों के वाहक हैं। इस अवसर पर रूकसार परवीन, प्रिया शर्मा, के. अनुषा, मो. अनुवर ने आलेख एवं शारदा महतो, सोनी कुमारी, मिथिलेश, पकंज सिंह, सुषमा सिंह, राहुल शर्मा, पुष्पा मल्ल, मधु सिंह, रूपल साव, मौसमी गोप, गायत्री रथो, सुनील आदि ने स्वरचित कविताओं का पाठ किया। प्रेमचंद पर आयोजित ज्ञान प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पुष्पा मल्ल, रूपल साव एवं मधु सिंह तथा द्वितीय स्थान के. अनुषा, प्रिया शर्मा एवं रोशनी जायसवाल ने प्राप्त किया। इसके साथ ही रोमा मांडेय, श्रावणी और नवोनीता दास ने काव्य संगीत एवं सोनाली, रेशमी कुमारी ने भाव नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का सफल संचालन विभाग के शोधार्थी विनोद कुमार यादव ने किया।

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