कोलकाता । वरिष्ठ रंगकर्मी अज़हर आलम की जयंती पर लिटिल थेस्पियन की ओर से काव्य कोलाज कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर कवयित्री शशि सहगल की 20 कविताओं के कोलॉज ‘रेत और इंद्रधनुष’ का अभिनयात्मक आयोजन सुजाता सदन थियेटर हॉल में हुआ। इसका निर्देशन लिटिल थेस्पियन की निदेशक उमा झुनझुनवाला ने किया। एक्सिस बैंक के क्षेत्रीय अध्यक्ष श्रीलाल सिंह, बी.एस. एफ पूर्वी कमांड के विशेषज्ञ विजेंद्र शर्मा, दैनिक छपते- छपते के प्रधान संपादक विश्वम्भर नेवर, अज़हर आलम मेमोरियल ट्रस्ट की अध्यक्ष सुमित्रा झुनझुनवाला और साहित्य टाइम के एम. डी. केयुर मजमुदार उपस्थित थे। केक काटकर सभी दर्शकों का मुंह मीठा कराया गया। अज़हर आलम को याद करते हुए वरिष्ठ पत्रकार विश्वम्भर नेवर ने कहा कि अजहर ने इतने कम समय में इतनी सफलता प्राप्त की। श्रीलाल सिंह ने अजहर आलम को याद करते हुए आयोजन की सराहना की। उन्होंने कहा कि कविता में आदमी होने का एहसास है। प्रकाश योजना भी इंद्रधनुष का पूरी कविता के माध्यम से रखे गए जीवन में विभिन्न अर्थ के साथ व्यजित होती है। उन्होंने संगीत संयोजन पर भी विचार रखे। इस कार्यक्रम में कलकत्ता गर्ल्स कॉलेज की प्राचार्य डॉ. सत्या उपाध्याय, स्कॉटिश चर्च कॉलेज की प्रोफेसर डॉ गीता दूबे, खुदीराम बोस सेंट्रल कॉलेज की प्रोफेसर शुभ्रा उपाध्याय भी उपस्थित थीं।
इस प्रकार रोजमर्रा के जीवन में स्त्री एक ही देह में कई जीवन जीती चली जाती है इसी बीच में उसकी अखंडता कई खंडों में विभाजित हो जाती है पेड़ों को मनुष्य काटते जा रही हैं और मनुष्य मनुष्य को भी काट रहा है प्रकृति गोल है हर कर्म वापस मनुष्य के पास वापस आता है यह दर्शन उभर कर आता है संप्रदायिक जीवन के बीच सच्चे सिर की तलाश में मनुष्य कई सवालों से गुजरता है फिर वह अपने अस्तित्व को चुनौती देते हुए धर्म ग्रंथों से भी प्रश्न करता है उसके उत्तर में हिमालय का बर्फ भी पिघलने लगता है जो पूरी मनुष्य जाति का शर्म से पानी होने के बिंब को दर्शाया गया है हमारा मन हमेशा यही चाहता है कि खिड़की वाली सीट हमारी हो जहां बैठकर पूरी दुनिया को हम करीब से देख सकें इस काव्य मंचन का नित्यात्मक काव्य प्रस्तुति की परिकल्पना उमा झुनझुनवाला ने की। मंच पर कलाकार के रूप में उपस्थित रहे हिना परवेज , मनोहर झा ,पार्वती रघुनंदन, राकेश शर्मा , राहुल शर्मा , नेहा यादव और प्रियंका सिंह |