लिटिल थैस्पियन का स्थापना दिवस समारोह

कोलकाता । गत 20 सितंबर, बुधवार कोलकाता के एकेडमी ऑफ़ फाइन आर्ट्स सभागार में लिटिल थेस्पिन का स्थापना दिवस समारोह संपन्न हुआ l इस विशेष दिन को लिटिल थेस्पिन अपने पूरे 29 वर्षों का सफ़र पूरा कर तीसवें वर्ष में प्रदार्पण कर रहा है l बंगाल में हिंदी रंगमंच का नाम जब भी लिया जाएगा उसमें लिटिल थिस्पियन का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज होगा l लिटिल थेस्पिन कों बनाने में स्वर्गीय अजहर आलम तथा उमा झुनझुनवाला की महत्वपूर्ण भूमिका रही है l लिटिल थेस्पिन भारतवर्ष के कई प्रांतों में अपने नाटक की प्रस्तुति देता रहा है l जिसमें से कुछ नाटक अजहर आलम तथा कुछ उमा झुनझुनवाला द्वारा निर्देशित रहे हैं l लिटिल थेस्पिन समय-समय पर कार्यशाला का भी आयोजन करता रहा है l जिसमें वह छात्रों को माँजने का काम करता है l यहां पर केवल कलाकारों को नाटक की बारीकियां ही नहीं बताई जाती हैं बल्कि नाटक से जुड़े छोटी-छोटी बातों छोटी-छोटी चीजों के बारे में भी बताया जाता रहा है l कलाकार इससे जुड़कर अपने व्यक्तित्व का विकास करते हैं नाटक के साथ वह नाटक में अभिनय करने के साथ ही वह नाटक कारों से भी परिचित होते हैं उनके नाटकों को पढ़ते हैं तथा उन पर समीक्षाएं लिखते हैंl जिससे वह दुनिया के कई नाटककारों के साथ अपना जुड़ाव महसूस कर पाते हैं कुछ ऐसे भी नाटककार हैं जिन्हें सभी लोग नहीं जानते हैं l लिटिल थेस्पिन उन सभी नाटककारों से मिलवाने का कार्य अपने रंग अड्डा के दौरान करता है l जिससे विद्यार्थी वर्ग में पढ़ने की ललक उत्पन्न हो रही है तथा नाटक की समीक्षा करने वाले भी आनें वाले समय में हमें दिखाई देंगे l लिटिल थेस्पिन का कार्य हमेशा से ही विद्यार्थी वर्ग तथा नाटक से जुड़े कलाकरों को उत्साहित करना तथा उन्हें प्रोत्साहित करना रहा है वह छात्रों के साथ जुड़कर नाटक को आम हिंदी वर्ग के लोगों तक पहुंचाने का कार्य भी करना चाहता है l लिटिल थेस्पिन को बनाने में उसके दर्शन वर्ग, शुभचिंतक, सलाहकार, तकनीकी विशेषज्ञ, कलाकार, मार्गदर्शक आदि की विशेष भूमिका रही है l लिटिल थेस्पियन की सेक्रेटरी गुंजन अज़हर ने लिटिल थेस्पियन संस्था के कार्यों की चर्चा करते हुऐ इस संस्था की संपूर्ण जानकारी दर्शको को दी तथा इस संस्था की वरिष्ठ सदस्य सीमा शर्मा ने नाटककार प्रताप सहगल की ख्याति से दर्शकों का परिचय करवाया। इसी कड़ी में नाटक “कोई और रास्ता” प्रस्तुत किया गया । इस नाटक के लेखक प्रताप सहगल और म्यूजिक डिज़ाइनर मुरारी रायचौधुरी दोनों ही संगीत नाटक अकादेमी अवार्ड से पुरस्कृत हैं एवं निर्देशक निलय राय हैं इस नाटक की मुख्य भूमिका में लिटिल थिस्पियन के निर्देशक एवं अभिनेत्री उमा झुनझुनवाला थी | लिटिल थेस्पिन के मुख्य अतिथि के रूप में मोहम्मडन स्पोर्टिंग क्लब के ट्रस्टी श्री ज़मील मंजर, नाट्य समीक्षक प्रोफ़ेसर आनंद लाल और प्रेम कपूर, उर्दू के प्रसिद्ध नाटककर और निदेशक कमालुद्दीन अहमद और ज़हिर अनवर, साहित्य टाइम के एम. डी. श्री केयूर मजूमदार, हाई कोर्ट के एडवोकेट प्रदीप जोराजका और पूर्व रंग नाट्यदल के निर्देशक श्री मोलॉय रॉय मौजूद थे ।
इस संस्थापना दिवस के अंत में लिटिल थेस्पियन की निर्देशक एवं अभिनेत्री उमा झुनझुनवाला ने 13वां नाट्य उत्सव जश्न -ए- अज़हर की घोषणा की जो 19 जनवरी से 24 जनवरी कलकत्ता के ज्ञान मंच में आयोजित होगी इसी के साथ नाटक प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जायेगा।

शुभजिता

शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।