शहर के आइसीसीआर हॉल में रंगकर्मी की टीम ने हाल ही में मंटो की कहानियों को अपने अभिनय से जीवंत किया। गौरतलब है कि लगभग एक दशक पहले रंगकर्मी की प्रमुख उषा गागुंली ने मंटो के कहानियों पर आधारित एक नाट्य श्रृंखला की शरूआत की थी, जिसके मार्फत कोलकाता के दर्शक मंटो की कहानियों को मंचित कर स्त्रियों के जीवन के काले पक्षों का उद्घाटन किया जाता रहा है। पिछले दिनों इसी श्रृंखला की पहली कड़ी बदनाम मंटो में काली शलवार, लाइसेंस और हतक कहानियों का मंचन कर मंटो के लेखन के कुछ राज उद्धाटित करने का प्रयास रंगकर्मी ने किया।
काली शलवार में सुल्ताना की भूमिका में कल्पना ठाकुर झा ने अपने अभिनय का लोहा एक बार फिर मनवाया, सुल्ताना की सहेली की भूमिका में करूणा ने भी अपने अभिनय के छाप छोड़े। एक दूसरे नाटक हतक में सेंजुति ने सुगंधी की भूमिका में बदनाम गली की स्त्री के पात्र को न केवल मंच पर सजीव किया वरन् अपने अभिनय से मंटो की स्त्री के चरित्र को उजागर करने में सफल रहीं।
अंत में रंगकर्मी की प्रमुख उषा गांगुली ने कोलकाता के दर्शकों का धन्यवाद दिया और कहा कि बदनाम मंटों की श्रृंखला की अगली कड़ी के साथ वे पुनः उपस्थित होंगी।