नयी दिल्ली । ऑनलाइन सामान बेचने वाली कंपनी मीशो मुनाफे में आ गई है। सॉफ्टबैंक के निवेश वाली इस कंपनी ने कहा कि ऑर्डर की संख्या और राजस्व में इजाफे तथा खर्चों में कटौती के कारण जुलाई में उसे कर पश्चात मुनाफा हुआ है। कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी एवं संस्थापक विदित अत्रेय ने कहा, ‘हम हर तरह का सामान बेचने वाले भारत के पहले ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म हैं, जो मुनाफे में आए हैं। हम लगातार वृद्धि के लिए, सभी को ई-कॉमर्स मुहैया कराने के लिए और भारत के हर हिस्से की असली संभावना सामने लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
सभी खंडों और श्रेणियों से आया मुनाफा
सॉफ्टबैंक, मेटा प्लेटफॉर्म्स और प्रोसस जैसे दिग्गजों के निवेश वाली बेंगलूरु की कंपनी मीशो का जुलाई में हुआ मामूली मुनाफा सभी खंडों और श्रेणियों से आया है, जिनमें ईसॉप्स भी शामिल हैं। कंपनी ने कर के बाद मुनाफे का सही आंकड़ा बताने से इनकार कर दिया मगर यह 10 करोड़ रुपये से कम है।
मीशो के मुख्य वित्त अधिकारी धीरेश बंसल ने कहा, ‘पिछले 12 महीनों में मीशो का कारोबार शानदार रहा है। ऑर्डरों की संख्या 43 प्रतिशत बढ़ गई है और 1 अरब से भी अधिक ऑर्डर आए हैं।’ बंसल ने कहा कि पिछले 12 महीनों में कंपनी का राजस्व 5 प्रतिशत बढ़ गया। उन्होंने कहा कि कारोबार में भारी बढ़ोतरी और इससे अधिक कमाई होने से राजस्व बढ़ा है। उन्होंने कहा, ‘जनवरी से जून 2023 के दौरान मीशो की आय 40 करोड़ डॉलर रही। इस साल के अंत तक हमें 80 करोड़ डॉलर से अधिक सालाना राजस्व का अनुमान है।’ बंसल ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 तक 10,000 करोड़ रुपये राजस्व का कंपनी का लक्ष्य है।
रोजाना 35 लाख ऑर्डर निकाल रही है मीशो
मीशो इस समय रोजाना 35 लाख ऑर्डर निकाल रही है। कंपनी का कहना है कि पूंजी के बेहतर इस्तेमाल और कम संपत्ति पर जोर के कारण उसे मुनाफा कमाने में मदद मिली है। मीशो अपने प्लेटफॉर्म पर सामान बेचने वालों से कमीशन नहीं लेती। इससे मीशो पर सामान बेचने वालों (मुख्य रूप से छोटे कारोबार एवं उद्यमी) को अच्छी कमाई हो जाती है। कंपनी छोटे शहरों में सेवा पर ज्यादा जोर दे रही है और उन ग्राहकों को जोड़ रही है, जो पहले ई-कॉमर्स इस्तेमाल नहीं करते थे।
बंसल ने कहा कि पिछले 1 साल में 14 करोड़ लोगों ने मीशो पर सामान खरीदा। इनमें से ज्यादातर ऑर्डर छोटे शहरों से आए हैं। मीशो का दावा है कि भारत में सबसे ज्यादा डाउनलोड होने वाली शॉपिंग ऐप उसी की है। कंपनी ने कहा कि ग्राहक जोड़ने पर आने वाले खर्च में बड़ी कटौती और मार्केटिंग पर सालाना व्यय 80 प्रतिशत घटाने के बाद भी कोई फर्क नहीं पड़ा है। मीशो तकनीकी पहलुओं पर खर्च सालाना 60 प्रतिशत कम करने में कामयाब रही है। इससे उसका कारोबारी परिचालन और मजबूत हो गया है। कंपनी अधिक पूंजी निवेश करने के बजाय आपूर्ति ढांचे पर विशेष जोर देती है। यह रणनीति कंपनी के लिए काफी कारगर साबित हुई है और दूसरी कंपनियों की तुलना में यह मजबूत स्थिति में आ गई है।