नयी दिल्ली : मुक्तांगन-कविता कोश काव्य पाठ श्रृंखला का तीसरा अध्याय जो कवि सुमित्रा नंदन पंत को समर्पित था कई मायनों में एक यादगार कार्यक्रम रहा। जहाँ एक ओर प्रतिभागी कवियों ने अपनी और पंत जी की कुछ बेहतरीन कविताएं सुनायीं वहीं उपस्थित श्रोता भी अंत तक उनका हौसला बढ़ाने कुर्सियों पर जमे रहे।
वरिष्ठ लेखिका अर्चना वर्मा ने पंत के व्यक्तित्व और कृतित्व पर अपने सारगर्भित विचार रखे। मुक्तांगन की इस सीरीज द्वारा कई नयी प्रतिभाएं सामने आ रहीं हैं, कई नवोदित कवियों ने तो पहली बार मंच पर अपनी कविता प्रस्तुत की। मुक्तांगन का मंच उनकी प्रतिभा को सबके सामने लाने में सहायक हुआ। देश के कोने कोने से कविताएँ मेल द्वारा प्राप्त हो रहीं हैं। नव प्रतिभा प्रोत्साहन योजना के तहत इस बार के चयनित नाम रहे – आलेख -सुषमा व्यास ‘राजनिधि’, कविता -प्रथम -विशेष चंद्र नमन, द्वितीय-कल्पना झा, तृतीय-किरण यादव। निर्णायक वरिष्ठ लेखिका अर्चना वर्मा रहीं। द्वितीय कड़ी के विजेताओं सुषमा कनुप्रिया, देवेंद्र, प्रांजल और आशुतोष को भी पुरस्कृत किया गया।