नयी दिल्ली : नए शैक्षणिक सत्र के साथ पूरे भारत में छात्र-छात्राएं अपनी नई कक्षाओं और पाठ्यक्रम सामग्री पर चर्चा कर रहे हैं। एकेडेमिक्स के संबंध में माता-पिता के सपोर्ट का महत्व समझने के लिए दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन पीयर-टू-पीयर एकेडेमिक लर्निंग कम्युनिटी ब्रेनली ने हाल ही में अपने भारतीय यूजर्स के बीच एक सर्वेक्षण किया। इस सर्वेक्षण में टियर-2 और टियर-3 शहरों से 2,500 से अधिक छात्र-छात्राओं ने सक्रिय भागीदारी की। इससे इस विषय पर कुछ नई और महत्वपूर्ण बातें सामने आई हैं। सर्वेक्षण में पता चलता है कि माता-पिता अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए सक्रियता से अपना समय और प्रयास लगाते हैं लेकिन बच्चों ने महसूस किया कि उन्हें कंसेप्ट्स बेहतर ढंग से समझाए जाने की आवश्यकता है। उदाहरण के लिए लगभग 50% माता-पिता अपने बच्चों के साथ हर दिन दो घंटे से अधिक समय बिताते हैं, ताकि उन्हें अध्ययन में मदद कर सके। यह महसूस किया गया कि उन्हें और अधिक समय देना चाहिए। इसके अलावा इन बच्चों में से 50% ने स्वीकार किया कि उनके माता-पिता को उनके विषयों और पाठ्यक्रमों के बारे में पर्याप्त ज्ञान व विशेषज्ञता है, लेकिन वे चाहेंगे कि उनके माता-पिता इन विषयों के बारे में और जानें ताकि वे उनकी बेहतर मदद कर सकें। सकारात्मक पहलू यह है कि आधे से अधिक बच्चों (55%) ने इस बात को लेकर अपने माता-पिता की तारीफ की कि वे उन्हें सवाल पूछने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। उन्हें कोई भी संदेह होने पर वे बेझिझक अपने माता-पिता से सवाल पूछ सकते हैं। इन विषयों में गणित सबसे ऊपर है। करीब 40% बच्चों ने अपने माता-पिता से गणित के प्रश्न हल करने में मदद मांगी। इसके बाद भाषा से जुड़े विषय 24% के साथ दूसरे स्थान पर, जबकि 19% के साथ विज्ञान तीसरा विषय रहा। बच्चों ने बताया कि उनकी मां उन्हें सबसे अधिक मदद करती हैं। यह भी देखा गया कि करीब 48% माता-पिता पाठ्यपुस्तकों और नोट्स पर भरोसा करते हैं, जबकि उनमें से लगभग 24% अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए ब्रेनली जैसी ऑनलाइन लर्निंग साइट्स से मदद लेते हैं।