नयी दिल्ली : वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर पांच में से चार कंपनियों में 10 फीसद से भी कम महिला कर्मचारियों की भागीदारी है। भारत की ज्यादातर कंपनियां महिलाओं की तुलना में पुरुष कर्मचारियों को भर्ती करना पसंद करती है। रिपोर्ट के मुताबिक इस तरह की मानसिकता रखने वाली कंपनियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
रोजगार में पिछड़ती महिलाएं
भारत में तकनीक के क्षेत्र से जुड़ी नौकरियों में तेजी से इजाफा हो रहा है। नए अवसर सृजित हो रहे हैं, लेकिन चयन में लिंगभेद की वजह से इसका फायदा महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को मिल रहा है।
वैश्विक औसत में पिछड़ता भारत
भारत में महिला कार्यबल की भागीदारी महज 27 फीसद है जो वैश्विक औसत के मुकाबले 23 फीसद कम है। एक तरफ तो भारत में तेजी से नई नौकरियां पैदा हो रही हैं, वहीं दूसरी तरफ महज 26 फीसद महिला कर्मियों की भर्ती देश में महिलाओं की स्थिति पर कई सवाल खड़े करती है।
टेक्सटाइल सेक्टर में महिलाओं का वर्चस्व
बैंकिंग सेक्टर में 61% महिला कर्मचारी, टेक्सटाइल सेक्टर में 64% महिला कर्मचारी।
रिटेल सेक्टर की 79 फीसद कंपनियों में 10% महिला कर्मचारी।
ट्रांसपोर्ट एवं लॉजिस्टिक्स सेक्टर की 77 फीसद कंपनियों में 10% महिला कर्मचारी।
भारत में 27% महिला कार्यबल।
वैश्विक स्तर पर 50% महिला कार्यबल।
3 में से 1 कंपनी देती हैं पुरुष कर्मचारियों को प्राथमिकता।
10 में से 1 कंपनी देती हैं महिला कर्मचारियों को प्राथमिकता।
770 सर्वे में शामिल भारतीय कंपनियां।
770 में से उन कंपनियों की संख्या जहां 50% या अधिक महिला कर्मचारी हैं मात्र 10 है।
546 वे कंपनियां जहां 10 फीसद से कम महिला कर्मचारी।
172 कंपनियों में 5 फीसद महिला कर्मचारी।
164 में कोई महिला कर्मचारी नहीं।