महान नेता अपने साथ दूसरों के लिए भी काम करता है

रक्षक फाउंडेशन की मैनेजिंग ट्रस्टी चैताली दास एक जानी – मानी सामाजिक कार्यकर्ता और उद्योगपति हैं। रक्षक फाउंडेशन के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने और शिक्षा के प्रसार के लिए लगातार काम कर रही हैं। स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए उनको उड़ान इम्पावरिंग विमेन अवार्ड्स से सम्मानित भी किया गया है। अपराजिता में आपके लिए पेश हैं सामाजिक कार्यकर्ता व उद्योगपति चैताली दास से बातचीत के प्रमुख अंश –

हम समाज के हर वर्ग के लिए काम करते हैं

मेरी सास अपने समय से आगे थीं। उन्होंने मुझे कहा था कि उनके जाने पर किसी सामाजिक तामझाम की जगह भूखे लोगों को खिलाऊँ, वह उनकी आत्मा को शांति देगा। रक्षक फाउंडेशन इसी मानवता की रक्षा की बात करता है और मानवता के लिए काम कर रही अन्य संस्थाओं की सहायता की बात भी करता है। हम समाज के हर वर्ग के लिए काम करते हैं। पिछले 23 सालों से रक्षक फाउंडेशन ने बहुत से चेहरों पर मुस्कान लायी है। हम किसी एक मुद्दे को लेकर काम नहीं कर रहे और अब तो बुर्जुगों और बच्चों के लिए भी काम कर रहे हैं।

आज महिलाएं अपने अधिकारों को लेकर सजग हैं

जब मैंने शुरुआत की थी तो लोग सामाजिक तौर पर जागरुक नहीं थे। महिलाएं समाज को लेकर बहुत ज्यादा सोचती थीं। शांति और सौहार्द स्थापित करने की जिम्मेदारी उनकी थी। बचपन से ही उनको धीरे बोलना और चलना सिखाया जाता था। अपने सामाजिक अधिकारों की जानकारी महिलाओं को तब नहीं थी, स्वास्थ्य और परिवार नियोजन से वे अनजान थीं। एड्स, निरक्षरता, बाल श्रम, मानव तस्करी, वेश्यावृति की समस्या ज्यादा थी। गरीबी और बेरोजगारी एक समस्या थी। आज की महिलाएं अपने लिए आवाज उठाती हैं और आर्थिक विकास के साथ घर में अपने योगदान के बारे में सोचती हैं। अपने बच्चों की शिक्षा को लेकर वे सजग हैं। आज की महिलाएं समाज में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहती हैं।

लोगों से मिली दुआएं ही हमारे लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है

सामाजिक जागरुकता की कमी हमारे लिए भी एक चुनौती थी, काम करना कठिन था। महिलाएं तब भय में जीती थीं। घरेलू हिंसा सहती थीं और अपने कानूनी अधिकारों से अनजान थीं। कम उम्र में गर्भ धारण कर लेती थीं और कुपोषण की शिकार थीं। जिन लोगों के लिए काम किया, उनको लाभ हुआ और काम करते हुए लोगों की दुआएं मिली हैं, मेरे लिए यह सबसे बड़ी उपलब्धि है। मैं संशोधनागारों में कैद महिलाओं के लिए काम करना चाहती हूँ।

शिक्षा होगी तो स्त्री बच्चों के लिए सही निर्णय ले सकेगी

महिलाओं को सशक्त बनाने में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। मैं डिग्रियों और प्रमाणपत्रों की बात नहीं कर रही हूँ बल्कि सही दिशा में सशक्तीकरण की बात कर रही हूँ। महिलाओं को प्रोत्साहित करने की जरूरत है जिससे वे अपनी बात कह सकें। बच्चों की जिन्दगी माँ पर निर्भर करती है इसलिए अगर वह शिक्षित होगी तो अपने बच्चों के लिए वह सही निर्णय लेने में सक्षम हो सकेगी। महिलाओं को आत्मनिर्भर होने की जरूरत है। वह परिवार में भी अपना आर्थिक योगदान दे सकती है और शिक्षा उसका व्यक्तित्व भी बदल सकती है।

महान नेता अपने साथ दूसरों के लिए भी काम करता है

चीजों को अलग तरीके से देखने की क्षमता ही नेतृत्व कहलाती है। महान नेता वह नहीं है जो महान काम करे बल्कि वह है जो असहाय लोगों को आगे लाने के लिए काम करे और भटके हुए लोगों की सहायता करे। आप अपनी तमाम मुश्किलों के बीच आगे बढ़ते हैं और दूसरों के लिए काम करते हैं तो नेतृत्व यही है।

 

 

शुभजिता

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