महानगर में नाटकों की छटा बिखेरने आ गया जश्न — ए – रंग

नाट्य संस्था लिटिल थेस्पियन से छठा राष्ट्रीय नाट्य उत्सव ‘जश्न-ए-रंग का आयोजन आज से 17 नवंबर 2016 तक ज्ञान मंच, कोलकाता में किया जा रहा है। लिटिल थेस्पियन की ओर से आयोजित किए जाने वाले इस आयोजन का मकसद नाटकों को आम जनता तक पहुँचाना है। इस बार के आयोजन की खास बात यह है कि इसमें कहानियों का अभिनयात्मक पाठ पेश किया जा रहा है। लिटिल थेस्पियन की अध्यक्ष उमा झुनझुनवाला तथा डायरेक्टर एस एम अजहर आलम की कड़ी मेहनत के कारण आज इस नाट्योत्सव को अलग पहचान मिली है। कोलकाता में आयोजित होने वाला यह एकमात्र हिन्दी नाट्योत्सव है। अगर आपको नाटकों से प्रेम है और नाटक देखना और उस पर बात करना पसंद हैं तो आप इस आयोजन में जरूर शामिल होना चाहिए। डालते हैं कि इस नाट्योत्सव के आगामी कार्यक्रमों पर एक नजर –

12 नवंबर 2016, शनिवार
शाम 6:00 बजे
उद्घाटन समारोह

शाम 6:30
कहाँ गए मोरे उगना (हिंदी)
प्रस्तुति : निर्माण कला मंच, पटना
नाटक : उषा किरण खान
निर्देशन : संजय उपाध्याय

13 नवंबर 2016, रविवार, सुबह 11:00 बजे
दुलारी बाई (राजस्थानी)
प्रस्तुति : अनुराग कला केंद्र, बीकानेर
नाटक : मणि मधुकर
निर्देशन : सुदेश व्यास

शाम 6:30
पद्मश्री राम गोपाल बजाज तथा अन्य हस्तियों के साथ एक थिएटर अड्डा
स्थान: ताज़ा टीवी सम्मेलन कक्ष, 37 शेक्सपियर सरणी, कोलकाता

14 नवंबर 2016, सोमवार, शाम 6:30
पद्मश्री राम गोपाल बजाज और अजहर आलम द्वारा कविताओं और कुछ साहित्यिक अंशों की प्रस्तुति

शाम 7:30 बजे
प्रेम अप्रेम (हिंदी)
प्रस्तुति : लिटिल थेस्पियन, कलकत्ता
कहानी : कुसुम खेमानी
निर्देशन : उमा झुनझुनवाला

15 नवंबर 2016, मंगलवार, शाम 6:00 बजे
May Be This Summer (हिन्दी)
प्रस्तुति : यूनिकॉर्न एक्टर्स स्टूडियो, दिल्ली
नाटक व निर्देशन : त्रिपुरारी शर्मा

शाम के 7:30
क़िस्सा ख्वानी (कहानी का अभिनयात्मक पाठ)
दिनेश वडेरा और दिलीप दवे द्वारा अवधेश प्रीत की कहानी ‘हमज़मीं’
और दिनकर शर्मा द्वारा कार्ल चैपल की कहानी ‘टिकटों का संग्रह’

16 नवंबर 2016, बुधवार, शाम 6:00 बजे
वेलकम ज़िन्दगी (हिंदी)
प्रस्तुति : आकार कला संगम, दिल्ली
नाटक : सौम्या जोशी
निर्देशन : सुरेश भारद्वाज

शाम के 7:30
क़िस्सा ख्वानी (कहानी का अभिनयात्मक पाठ)
ज्योतिष जोशी और उमा झुनझुनवाला द्वारा जैनेन्द्र कुमार की कहानी ‘गदर के बाद’
और जीतेंद्र सिंह तथा ममता पांडे द्वारा शफी जावेद की कहानी ‘मेरी रोटियाँ कहाँ हैं’

17 नवंबर 2016, वृहस्पतिवार, शाम 6:30
बलकान की औरतें (उर्दू / हिंदी)
प्रस्तुति : लिटिल थेस्पियन, कलकत्ता
नाटक : जुलेस तास्का
निर्देशन: मुश्ताक काक

 

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