भवानीपुर कॉलेज के शिक्षा विभाग द्वारा ‘एक और बिथोवेन’ का मंचन

कोलकाता ।  भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज के शिक्षा विभाग द्वारा आईडीसी के प्रथम सेमेस्टर के छात्र छात्राओं द्वारा ‘एक और बिथोवेन’ नाटक के मंचन प्रस्तुति दी गई ।विभागाध्यक्ष डॉ रेखा नारिवाल के संयोजन में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आर्ट्स सेक्शन की वाइस प्रिंसिपल डॉ देवजानी गांगुली ने अपने वक्तव्य में शिक्षा के पुराने और आधुनिक शिक्षा पद्धति पर विविध संदर्भों पर प्रकाश डालते हुए वर्तमान समय के बदलते स्वरूप पर चर्चा की। रेक्टर और डीन प्रो दिलीप शाह ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में कई नए कौशल विकास करने के लिए जागरूकता चाहिए और हमें अपनी मुटठी को बंद नहीं खुली रखने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर थियेटर कलाकार पलाश चतुर्वेदी के निदेशन में ‘एक और बिथोवेन ‘ नाटक का सफलतापूर्वक मंचन किया गया। किसी भी अंग से अयोग्य बच्चे को कमतर नहीं समझना चाहिए। समाज की दकियानूसी परंपराओं को बदलने की जरूरत है। अवसर प्रदान करने पर वह अयोग्य बच्चा भी एक नई प्रतिभा के साथ समाज को बहुत कुछ दे सकता है। कार्यक्रम का उद्घाटन और संयोजन शिक्षा विभागाध्यक्ष डॉ रेखा नारिवाल ने भगवद्गीता के श्लोक द्वारा किया और अपने वक्तव्य में नाटक के उद्देश्यों पर चर्चा करते हुए कहा कि
भगवद्गीता के अनुसार, बुद्धिमान व्यक्ति के लिए हर कोई समान है। समावेशी शिक्षा एक क्रांतिकारी अवधारणा है जो शिक्षण और सीखने की प्रक्रिया में सभी की भागीदारी चाहती है।
भवानीपुर कॉलेज का शिक्षा विभाग समावेशिता को एक ऐसे दर्शन के रूप में परिभाषित करता है जो एक स्वागत योग्य माहौल को बढ़ावा देता है जहां सभी सदस्य अपनेपन की भावना महसूस करते हैं। विविधता का जश्न मनाते हुए एक-दूसरे के लिए परस्पर सम्मान है। जब हर व्यक्ति का खुली बांहों से स्वागत किया जाता है तो वह सुरक्षित और स्वस्थ महसूस करता है। मारिया मोंटेसरी ने ठीक ही कहा है ‘इंद्रियाँ, दुनिया की खोजकर्ता होने के नाते, ज्ञान का मार्ग खोलती हैं।’
महान बीथोवेन ने ठीक ही कहा है कि ‘गलत नोट बजाना महत्वहीन है। बिना जुनून के खेलना अक्षम्य है।’
इसी जोश और उत्साह के साथ शिक्षा विभाग ने एक और बिथोवेन का मंचन कर जागरूकता का संदेश दिया। शिक्षा विभाग की प्रो अशनाया त्रिपाठी ने संचालन किया और प्रो सायनदिता राय ने स्वागत वक्तव्य दिया। धन्यवाद देते हुए डॉ रेखा नारिवाल ने पूरी थियेटर टीम को शुभकामनाएँ दी। इस अवसर पर पलाश चतुर्वेदी को सम्मानित किया गया और सभी छात्र छात्राओं को सर्टिफिकेट और कलम दिए गए। कार्यक्रम की जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।

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