जकार्ता : इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्प (आईएफसी) के एक अध्ययन के मुताबिक दक्षिण पूर्व एशिया और चीन की ऐसी कम्पनियाँ, जिनके बोर्ड में महिलाओं का प्रतिनिधत्व पुरुषों के मुकाबले अधिक रहा, उन्होंने वित्तीय मामलों में बेहतर परिणाम दिए।
30% से ज्यादा प्रतिनिधित्व वाली कम्पनियों में इक्विटी पर रिटर्न 6.2% रहा
आईएफसी के मुताबिक जिन कंपनियों के बोर्ड में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 30 फीसदी से ऊपर रहा, उनमें एसेट पर रिटर्न 3.8 फीसदी रहा। वहीं जिन कंपनियों में महिलाओं का प्रतिनिधितव नहीं था उनका रिटर्न 2.4 फीसदी रहा। आईएफसी ने यह अध्ययन वीमेंस एमपावरमेंट वर्किंग ग्रुप और इंडोनेशिया स्टॉक एक्सचेंज के साथ मिलकर किया था।
आईएफसी के रीजनल डायरेक्टर विवेक पाठक ने बताया कि जिन कंपनियों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 30 फीसदी से अधिक था, इक्विटी पर उनका रिटर्न 6.2 फीसदी रहा जबकि पुरुष प्रतिनिधित्व वाले बोर्ड का रिटर्न 4.2 फीसदी रहा। इस अध्ध्यन में चीन, इंडोनेशिया फिलीपीन्स, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम की 1,000 कंपनियों को शामिल किया गया था। सर्वे में शामिल कंपनियों में थाइलैंड की कंपिनयों में सबसे ज्यादा जेंडर डाइवर्सिटी थी। यहां लिस्टेड कंपिनयों में बोर्ड में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 20 फीसदी रहा। उसके बाद 15 फीसदी के साथ इंडोनेशिया और वियतनाम का नंबर रहा। सर्वे में शामिल करीब 40 फीसदी कंपनियों के बोर्ड में कोई भी महिला नहीं थी। करीब 16 फीसदी कंपनियों में 30 फीसदी से अधिक महिलाओं का प्रतिनिधित्व रहा।