बप्पा की दुर्दशा न हो, इसलिए नहर-तालाब से मूर्तियां निकालकर करते हैं पुनर्विसर्जन

सूरत : गणपति बप्पा का अपमान न हो, इसलिए शहर के 150 युवाओं का ग्रुप नहर, तालाब से मूर्तियां निकालकर उन्हें समुद्र में विसर्जित करता है। ये युवा दो दिन में 2500 मूर्तियां निकालकर उनका ससम्मान समुद्र में विसर्जन कर चुके हैं। इस प्रक्रिया में जो खर्च होता है वह ये युवा अपनी जेब से करते हैं। यह ग्रुप पिछले दो साल से यह काम कर रहा है। उनका उद्देश्य लोगों में धर्म के प्रति जागरूकता लाने का है। इनका मानना है कि लोग गणपति बप्पा की मूर्ति का विसर्जन करते समय धर्म और आस्था का खयाल रखें। शनिवार को युवाओं ने डिंडोली और खरवासा में अलग-अलग जगहों से गणेश प्रतिमाओं को जमा किया और उन्हें ट्रक से ले जाकर समुद्र में विसर्जित किया। नहरों-तालाबों व अन्य जगहों से गणेश प्रतिमाओं को जमाकर समुद्र विसर्जित करने का काम 2 वर्ष पहले शुरू किया था। ग्रुप के मुताबिक अब तक 5 हजार से ज्यादा मूर्तियों का विसर्जन समुद्र कर चुके हैं। इन युवाओं का कहना है कि हमें अपनी बात किसी को समझाने के लिए करके दिखाना ही सबसे अच्छा माध्यम है, इसलिए हमारा यह काम जारी रहेगा।

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