समय बदल रहा है और इस बात तस्दीक करती है यह घटना। जयपुर की एक लड़की जिसने परिवार और समाज के खिलाफ जाकर अपने विधवा मां की शादी करवाई।
संहिता अग्रवाल जयपुर की रहने वाली हैं। साल 2016 में इनके पिता मुकेश गुप्ता की दिल का दौरा पड़ने के कारण मृत्यु हो गई थी। इनकी मां गीता पेशे से एक अध्यापिका हैं। पति की मौत के बाद गीता का जीवन काफी खाली हो गया था। वे अकेली रहने लगी थीं और डिप्रेशन का शिकार हो गईं थी।
स्थिति और चिंताजनक हो गई जब बेटी संहिता को काम के सिलसिले में गुड़गांव शिफ्ट होना पड़ा। संहिता बताती हैं, ‘मुझे मां को वहां अकेला छोड़ना काफी बुरा लगता था। मैं वीकेंड्स में उनके पास चली जाती थी लेकिन मुझे लगने लगा था कि मेरा घर छोड़ने का फैसला स्वार्थपूर्ण था।’ संहिता ने अगस्त 2017 से अपनी 53 वर्षीय मां के लिए पार्टनर खोजना शुरू कर दिया था।
संहिता आगे कहती हैं, ‘हर किसी को एक साथी की तलाश होती है। मैंने अपनी मां के नाम की प्रोफाइल एक मैट्रीमोनियल वेबसाइट पर बनाई। मां को मैंने सितंबर में इस बारे में बताया। वे थोड़ी घबरा गईं। घर वालों का रिएक्शन भी अजीब था।’
अक्टूबर में पेशे से रेवेन्यू इंस्पेक्टर केजी गुप्ता ने वेबसाइट पर दिए संहिता के नंबर पर कॉल किया और गीता के शादी करने की इच्छा जताई। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी की मृत्यु कैंसर के कारण 2010 में हो गई थी और वे दो बच्चों के पिता हैं।
पहले तो गीता ने शादी से इंकार कर दिया लेकिन नवंबर में डॉक्टर्स ने गीता को हिस्टरेक्टमी के सर्जरी का सुझाव दिया। इसमें गर्भाशय को शरीर से बाहर निकाला जाता है. गीता की सर्जरी के दौरान तीन दिनों तक केजी गुप्ता मौजूद रहे और गीता का हर तरह से ख्याल रखने की कोशिश की। उनके इस कदम से गीता ने दोबारा शादी करने का विचार किया.
संहिता बताती हैं कि फैसला इतना आसान नहीं था. 2017 दिसम्बर में गीता ने दोबारा शादी कर ली। लोगों ने दबी जुबान में इसका विरोध किया लेकिन संहिता दोबारा से अपनी मां को खुश देखना चाहती थीं। उनके इस कदम की खूब प्रशंसा हो रही है।