पटना में नीलांबर कोलकाता ने छोड़ी छाप

पटना : प्रतिरोध का सिनेमा ने कविता गोष्ठी और फिल्म प्रदर्शन पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में जिन कवियों ने कविता पाठ किया वे थे-बालमुकुंद,उत्कर्ष,रघुनाथ मुखिया (पटना से),अनिला राखेचा,शैलेश गुप्ता,रौनक अफरोज,आशा पांडेय,यतीश कुमार (नीलांबर कोलकाता से)। इस कार्यक्रम में कोलकाता से आमंत्रित टीम नीलांबर ने मुक्तिबोध की कविता ‘भूल गलती’,और नरेश सक्सेना की कविता ‘गिरना’ पर वीडियो मोंताज प्रस्तुत किया जिसकी आवृत्ति क्रमशः ममता पांडेय एवं स्मिता गोयल ने की थी। नीलांबर ने तीन साहित्यिक फिल्मों -गोष्ठी (विनोद कुमार शुक्ल),अनथाही गहराइयाँ (मन्नू भंडारी),ज़मीन अपनी तो थी (चंदन पांडेय) का प्रदर्शन किया।इन फिल्मों का निर्देशन ऋतेश पांडेय ने किया है। फिल्मों की प्रस्तुति के बाद निर्देशक के साथ दर्शकों की बातचीत भी हुई। कार्यक्रम में पटना के दर्शकों के अतिरिक्त कई गण्यमान्य व्यक्तियों ने शिरकत की जिनमें अविनाश दास (निर्देशक -अनारकली ऑफ आरा), संतोष दीक्षित, प्रभात सरसीज , संजय कुमार कुंदन , अँचित ,प्रत्युष मिश्र, नरेंद्र कुमार , सदफ इक़बाल, प्रशांत विप्लवी ,श्रीधर करुणानिधि ,सुशील कुमार भारद्वाज,संतोष संहार ,प्रीति प्रभा ,अरुण शीतांश,नताशा उपस्थित थे।फिल्मों पर बातचीत के क्रम में अविनाश दास ने कहा कि नीलांबर का यह प्रयास मुम्बई के पूंजीवादी दबाव को आईना दिखाने की तरह है। अध्यक्ष (नीलांबर कोलकाता) यतीश कुमार ने नीलांबर के बारे में एवं कुमुद कुंदन (प्रतिरोध का सिनेमा ) ने अपनी संस्था और इस कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में बताया। कार्यक्रम का संचालन राजेश कमल और ममता पांडेय ने किया।धन्यवाद ज्ञापन संतोष झा ने किया।

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