हावड़ा : हावड़ा के कल्पना चावला ऑडिटोरियम के प्रांगण में ‘जनवादी लेखक संघ’ तथा ‘इदारा महफ़िल-ए-ख़ुश रंग’ के सौजन्य से ‘प्रेमचंद जयंती समारोह’ मनाया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार कपिल आर्य ने की। कार्यक्रम में स्वागत भाषण कलकत्ता विश्वविद्यालय के प्रो. राम आह्लाद चौधरी ने दिया। उन्होंने कहा कि प्रेमचंद ने साझा संस्कृति को केवल अपनाया नहीं, बल्कि उसकी बुनियाद को पुख़्ता बनाया। इस कार्यक्रम का संचालन युवा कवि नीरज सिंह ने किया, जिन्होंने कहा कि प्रेमचंद ने हिंदी और उर्दू के बीच के अंतर को अपने शब्दों के ताने-बाने से बुना है।
इस कार्यक्रम में महफ़िल-ए-ख़ुश रंग की ओर से रघुनाथ अग्रवाल, डॉ. अहमद मीराज़, रिफ़त ख़ान तथा उरूसा अर्शी को उनके साहित्यिक एवं सामाजिक स्तर पर योगदान के लिए पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का दूसरा सत्र कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का रहा , जिसमें हिंदी एवं उर्दू के कई कवि एवं शायरों ने हिस्सा लिया । जिसमें प्रमुख तौर पर आरती सिंह, सिराज़ खान बातीश, फराग रोहवी, हालीम सबीर, इस्माइल परवाज़, सुल्तान साज़िद,मुश्ताक़ अंजुम, आतिश रज़ा, फ़िरोज़ मिर्ज़ा, ताहीर बेग देहलवी, नसीम हबीबी तथा रौनक़ अफ़रोज़ प्रमुख थें। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रसिद्ध समाज सेवी उसमान जावेद मंज़िल, विप्लव मजूमदार, आइशा जावेद, डॉ. अमित बनर्जी, अनिल कुमार सिंह, इम्तियाज़ अहमद आदि प्रमुख थें। कार्यक्रम के संयोजक के तौर पर अफ़ज़ल ख़ान की प्रमुख भूमिका रही। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सामाजिक एकता को बढ़ावा देना था। कार्यक्रम में भारी संख्या में युवाओं ने भाग लिया, जिसमें प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय के कई छात्र शामिल थे।