लखीसराय । चानन प्रखंड के रामपुर गांव में देर शाम किऊल नदी से बालू उठाव के दरम्यान प्राचीन कालीन एक बड़ी अष्टधातु की मूर्ति किऊल नदी से बरामद हुई है । इसके पूर्व में भी कई मूर्तियां किउल नदी, लाल पहाड़ी और काली पहाड़ी से प्राप्त हो चुकी हैं, जो कि पटना संग्रहालय और लखीसराय के संग्रहालय थाना में रखी हुई हैं । इस संबध में लखीसराय के जिला अधिकारी अमरेन्द्र कुमार ने जानकारी दी है।
अमरेंद्र कुमार ने कहा कि किउल नदी चानन में बालू उठाव के दरम्यान रामपुर गांव के समीप किऊल नदी में बीस फीट खुदाई की गई । बालू उठाव के दरम्यान एक मूर्ति बरामद हुई थी और विशेषज्ञों के अनुसार कि दो हजार वर्ष पुरानी मूर्ति है.
“लोक देवी की मूर्ति बताई जाती है । ये मूर्ति दो हजार वर्ष पूर्व महाराष्ट्र के बौद्ध धर्म के उपासकों द्वारा यहां लाई गई होगी । वहीं लखीसराय में संचालित म्यूजियम एक्सपर्ट का भी कहना है कि मथुरा की रेड स्टोन की मूर्ति है ।
लोगों से डीएम की अपील: प्रेस के माध्यम से जिला अधिकारी ने लखीसराय के लोगों से अपील भी की है. उन्होंने कहा कि अब भी कई स्थानों पर प्राचीनकालीन मूर्तियों को प्रशासन के हवाले नहीं किया गया है । किसी को भी कोई मूर्ति मिलती है तो तुरंत इसकी सूचना दें ताकि समय पर कार्य शुरू हो सके । मूर्ति वापस करने वाले दाता का नाम हम मूर्ति में अंकित करवाएंगे.
बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मूर्तियों के मिलने की सूचना के बाद अपने देखरेख में यहां काम शुरू करवाया और लखीसराय के लाल पहाड़ी की खुदाई की शुरूआत की गई थी। करीबन दो सौ से अधिक अष्टधातु मूर्तियां मिली और उसे पटना के संग्रहालय में रखा गया. कई मूर्ति लखीसराय संग्रहालय में भी रखी हुई हैं ।