पुराना किला में एएसआई को मिले 2500 साल पुराने ऐतिहासिक प्रमाण

मौर्य काल में इस्‍तेमाल किए जाने वाली राज मुद्राएं और सिक्‍के भी मिले
दिल्ली के मथुरा रोड स्थित पांडवों के गढ़ पुराना किला की खुदाई चर्चा में बनी हुई है। देश में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी जगह पर 2500 साल का इतिहास मिला हो। खास बात है कि यहां भगवान विष्‍णु, गणेश और माता लक्ष्‍मी की मूर्तियां भी मिली हैं। इसके अलावा मौर्य काल में इस्‍तेमाल किए जाने वाली राज मुद्राएं और सिक्‍के मिले हैं।
कहा जाता है कि यमुना किनारे स्थित प्राचीन किलों में से एक पुराना किला पांडवों की राजधानी थी, लेकिन अबतक की खुदाई में इसका कोई सबूत नहीं मिला था। अब ऑर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) ने 2500 साल का इतिहास खोज निकाला है। महाभारत से जुड़े पुराने किले के राज को दुनिया के सामने लाने के लिए एएसआई ने पांचवीं बार किले की खुदाई जनवरी में शुरू की थी।
पुराना किला की खुदाई के पीछे क्‍या है सरकार की मंशा?
दिल्‍ली का पुराना किला 300 एकड़ में फैला है लेकिन किले के अंदर की जमीन के भीतर 3000 साल पुरानी सभ्‍यता मौजूद हैं। किले के बाहर जो शिला लगी हुई है उसपर भी महाभारत काल का जिक्र किया गया है। साथ में इस बात का भी जिक्र है कि ये किला जिस टीले पर स्थित है वो महाभारत काल में इंद्रप्रस्‍थ रहा होगा।
एएसआई अब उसी का पता लगाना चाहती है लिहाजा खुदाई का काम जारी है। 1954 से लेकर अब तक 4 बार खुदाई हो चुकी है। 5वीं बार दिल्ली के पुराने किले की खुदाई एएसआई कर रहा है। 4 बार की खुदाई के दौरान मुगल काल, सल्तनत काल, राजपूत काल, गुप्त काल, कुषाण काल और मौर्य काल के सबूत मिले थे। एएसआई को उम्मीद है कि मौर्य काल से पहले की जो सभ्यता है उसके सबूत किले के अंदर मौजूद हैं और वो महाभारत काल के हो सकते हैं।
कब-कब हुए महाभारत काल के खोज
पुराना किले की खुदाई 1969, 1973 में पद्मश्री प्रोफेसर बीबी लाल की अगुवाई में हुई थी। इसके बाद साल 2013 और 2014 में एएसआई के वरिष्ठ अधिकारी वसंत कुमार स्वर्णकार की अगुवाई में खुदाई हुई।
खुदाई में मिला करीब 1000 साल पुराना कुआं मिला
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) को यहां मौर्यकालीन कुआं मिला है। इसकी गोलाई करीब 70 सेंटीमीटर है। अभी यहां खुदाई का काम जारी है। उम्मीद है कि कुएं से बहुत से दूसरे अवेशष भी मिल सकते हैं। इससे यहां का इतिहास 2500-3000 साल पहले का हो सकता है। एएसआई इसे अपनी बड़ी कामयाबी मान रहा है। पुरातत्वविदों का कहना है कि पांडव काल की खोज से जुड़ी एएसआई की कोशिश को इससे बल मिलेगा।
खुदाई में अबतक क्‍या-क्‍या मिला
कुंठ विष्णु की मूर्ति
टेराकोटा लक्ष्मी की मूर्ति
भगवान गणेश के स्टोन की मूर्ति
अलग-अलग काल की राज मुद्राएं
इंसान और जानवर के कंकाल

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