कबाड़ में न जाएं, इसलिए 25 साल पुराने ट्रेन के 2 डिब्बों में बनाया दफ्तर

नयी दिल्ली: दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित रेलवे के अधिकारियों ने रेलवे के पुराने कोच को दफ्तर में तब्दील कर दिया है। इसे 25 साल पुराने दो कोचों को मिलाकर बनाया गया है। इसका इंटीरियर अंदर से बेहद खूबसूरत है। अब यह नेशनल रेल म्यूजियम का नया दफ्तर है। म्यूजियम का पूरा प्रशासनिक विभाग यहीं बैठकर काम करता है। म्यूजियम के डायरेक्टर भी इसी दफ्तर में बैठते हैं। इसमें डायरेक्टर ऑफिस के साथ विजिटर रूम भी है।
म्यूजियम के डायरेक्टर अमित सोराष्ट्री बताते हैं कि पुराने दफ्तर के कमरे छोटे थे। पूरा स्टाफ अलग बैठकर काम करता था। अब सब इस बड़े कोच में एक साथ बैठकर काम कर पाते हैं। कोचों को कन्वर्ट करने का मकसद- डिब्बों को कबाड़ से बचाना और दोबारा इस्तेमाल में लाना है। सोराष्ट्री ने बताया कि यह प्लान रेलवे बोर्ड के पूर्व चेयरमैन अश्विनी लोहानी का था। रेल के ये दो डिब्बे 25 साल की सर्विस के बाद यहां खुले में पड़े थे। यह ऑफिस खूबसूरत दिखने के साथ-साथ किफायती भी है। इसमें ईंट से बने दफ्तर को तैयार करने से कम लागत लगी है।

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