ऐसे हुई पृथ्वी की उत्पत्ति

पृथ्वी का गुणगान और उसकी पूजा वेदों में की गई है। ऋग्वेद के अलावा अथर्ववेद के बारहवें मंडल के भूमि सूक्त में पृथ्वी की उत्पत्ति के बारे में बताया गया है। ब्रह्मा और विश्वकर्मा आदि देवताओं के कारण पृथ्वी प्रकट हुई। इस सूक्त में पृथ्वी को माता और मनुष्य को उसकी संतान बताया गया है। इस सूक्त के 63 मंत्रों में पृथ्वी की विशेषता और उसके प्रति मनुष्यों के कर्तव्यों का बोध करवाया गया है। जिस तरह माता अपने पुत्रों की रक्षा के लिए भोजन प्रदान करती है उसी तरह माता की रक्षा करना पुत्रों का भी कर्तव्य होता है।

यामन्वैच्छद्धविषा विश्वकर्मान्तरर्णवे रजसि प्रविष्टाम् ।
भुजिष्यं पात्रं निहितं गुहा यदाविर्भोगे अभवन् मातृमद्भ्यः

अर्थ –  जब विश्वकर्मा ने अंतरिक्ष में हवन किया तो पृथ्वी और उसमें छुपे भोज्य पदार्थ प्रकट हो गए। जिससे धरती पर रहने वाले लोगों का पालन पोषण हो सके।

यानी भगवान विश्वकर्मा ने जब लोककल्याण की भावना से हवन किया तब ब्रह्मा, विष्णु आदी देवता प्रकट हुए और सभी देवताओं में से शक्ति का अंश निकला और एक शक्ति पुंज बन गया। फिर वह शक्ति पुंज धरती के रूप में बदल गया।

पृथ्वी को बताया गया है पवित्र

वेदों में पृथ्वी को पवित्र बताया गया है। शतपथ ब्राह्मण में बताया गया है कि देवता जिस सोमरस का पान करते हैं वो सोमलता यानी एक तरह की दुर्लभ और पवित्र औषधि धरती पर ही उगती है। अथर्ववेद में बताया है कि

यामश्विनावमिमातां विष्णुर्यस्यां विचक्रमे ।
इन्द्रो यां चक्र आत्मनेऽनमित्रां शचीपतिः ।
सा नो भूमिर्वि सृजतां माता पुत्राय मे पयः ॥१०॥

अर्थ –  अश्विनी कुमारों ने जिस धरा का मापन किया, भगवान विष्णु ने जिस पर पराक्रमी कार्य किए और इंद्र देव ने जिसे दुष्ट शत्रुओं को मारकर अपने अधीन किया वह पृथ्वी माता के समान अपने पुत्र को दुग्धपान कराने के समान ही अपनी सभी संतानों को खाद्य पदार्थ प्रदान करें।

पृथ्वी की आयु बढ़ाने के लिए हमारे कर्तव्य

वेदों में पृथ्वी को मां माना गया है। इसलिए इसकी सुरक्षा हमारा कर्तव्य है। धरती को पवित्र और मां का रुप मानते हुए हमें इससे मिलने वाले पदार्थों को व्यर्थ नहीं करना चाहिए। प्रदूषण और गंदगी को बढ़ने से रोकना चाहिए और पृथ्वी पर ज्यादा से ज्यादा पेड़-पाैधे लगाने चाहिए।

1. हमें बिजली बचानी चाहिए। इससे ग्लोबल वाॅर्मिंग की स्थिति से बचा जा सकता है। इसी समस्या के कारण पृथ्वी पर प्राकृतिक असंतुलन बढ़ता है।

2. प्लास्टिक  की चीजों का उपयोग नहीं करना चाहिए। प्लास्टीक के कारण पृथ्वी पर गंदगी लगातार बढ़ रही है।

3. केमिकल और इससे बनी चीजों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। केमिकल से पृथ्वी पर पानी, हवा और मिट्टी यानी हर तरह से प्रदूषण फैलता है। हमें इसे रोकना चाहिए।

(साभार – दैनिक भास्कर)

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