ए एम नाईक : जिस कम्पनी में 670 रुपये वेतन पाते थे, वहीं के बॉस बने

2 जोड़ी जूते और 6 शर्ट वाला अरबपति, अब होंगे रिटायर​
नयी दिल्ली । जिस कंपनी में पहली नौकरी करें, वहीं से रिटायर होना किसी के लिए गर्व का पल होता है। कुछ ऐसा ही दिग्गज कंपनी लार्सन एंड टुब्रो के चेयरमैन ए एम नाइक के साथ भी है। करीब छह दशक की कंपनी के साथ जुड़े नाइक 30 सितंबर 2023 को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। बतौर जूनियर इंजीनियर कंपनी में अपना कॅरियर शुरू करने वाले नाइक 670 रुपये की सैलरी से चेयरमैन के पद तक पहुंचे। अब उसी कंपनी से रिटायर हो रहे हैं। कंपनी ने उनके सम्मान में शेयरहोल्डर्स को छह रुपये का स्पेशल डिविडेंड देने का फैसला किया है। लार्सन एंड टुब्रो (L&T) को बुलंदियों पर पहुंचाने वाले एएम नाइक की कहानी किसी फिल्म की पटकथा से कम नहीं है।
ए एम नाइक लार्सन एंड टुब्रो के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन हैं। 9 जून 1942 को गुजरात में जन्मे नाइक बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता और दादा दोनों ही शिक्षक थे, इसलिए उन्होंने बच्चों की पढ़ाई पर पूरा फोकस कियाष आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के बावजूद नाइक को गुजरात के बिड़ला विश्वकर्मा महाविद्यालय से ग्रेजुएशन के लिए भेजा। स्नातक करने के बाद उन्होंने नौकरी का फैसला किया। उन्होंने एल एंड टी कंपनी में नौकरी के लिए आवेदन किया लेकिन उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया। कुछ दिन बाद उन्हें नेस्टर बॉयलर्स में नौकरी मिल गई, लेकिन उनका मन एल एंड टी पर ही अटका हुआ था। जब फिर से वहां भर्ती की शुरुआत हुई नाइक ने फिर से आवेदन किया।
​अंग्रेजी सुधारने की सलाह​
एलएंडटी में उस समय आईआईटी के विद्यार्थियों को अधिक वरीयता दी जाती थी। साल 2018 में एक साक्षात्कार में एएम नाइक ने बताया कि पहली बार लार्सन एंड टुब्रो में साक्षात्कार के दौरान उनकी कमजोर अंग्रेजी को सुधारने की सलाह दी गई। हालांकि उन्हें वहां नौकरी मिल गई, लेकिन पहले से भी कम वेतन पर उन्हें जूनियर इंजीनियर के पद पर नियुक्त कर लिया गया। 15 मार्च 1965 में उन्होंने एलएंडटी में नौकरी ज्वाइन कर ली। उस वक्त उनकी तन्ख्वाह 670 रुपये थी।
​670 रुपये की पहली तनख्वाह
उनका वेतन एनएंडटी में 670 रुपये प्रति महीने था। उस वक्त उन्हें लगता था कि वे 1000 रुपये की वेतन पर रिटायर होंगे। छह महीने बीत जाने के बाद उन्हें कंपनी में कंफर्मेशन मिल गया और उनकी तनख्वाह बढ़कर 760 रुपये हो गई। एक साल बाद उनकी तनख्वाह 950 रुपये हो गई। यूनियन एग्रीमेंट के बाद तनख्वाह में 75 रुपये की और बढ़ोतरी हुई और उनका वेतन एक साल बाद ही 1025 रुपये हो गया। जूनियर इंजीनियर से उन्हें असिस्टेंड इंजीनियर बना दिया गया। एक साल में ही उन्होंने अपनी काबिलियत साबित कर दी।
जहां हुए थे रिजेक्ट, बने वहीं के बॉस​
साल 1965 में उन्होंने जहां से अपनी नौकरी शुरू की थी, साल 1999 में वह उसी कंपनी के सीईओ बने। जुलाई 2017 में उन्हें एलएंडटी समूह के चेयरमैन बनाया गया। उनके नेतृत्व में एल एंड टी ने खूब तरक्की की। साल 2023 में कंपनी की कुल सम्पत्ति 41 अरब डॉलर थी। कंपनी ने डिफेंस, आईटी, रियल एस्टेट, हर तरफ अपना दबदबा कायम कर लिया। आज की तारीख में एलएंडटी का 90 फीसदी रेवेन्यू उन कारोबार से आता है, जिसे नाइक ने शुरू किया है।
​2 जोड़ी जूते और 6 शर्ट​
एएम नाइक काम पर फोकस करते हैं, दिखावे पर नहीं। उनका रहन-सहन बेहद साधारण है। वो कभी दिखावा नहीं करते हैं। वह जमीन से जुड़े व्यक्ति हैं। गांव में पले-बढ़े नाइक को कपड़े-फैशन का भी बहुत शौक नहीं रहा है। एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया था कि उनकी आलमारी में मात्र 2 जोड़ी जूते, 6 शर्ट और 2 सूट शामिल है। वह इन सब बातों पर बहुत गौर नहीं करते हैं कि उनका वार्डरोब भरा है कि नहीं, उनके पास कितने जूते-चप्पल हैं। बस काम चल जाना चाहिए, उतने सामान ही रखते हैं।
​ए एम नाइक की नेटवर्थ​
नाइक के नेटवर्थ की बात करें तो साल 2017 में नाइक की तनख्वाह 137 करोड़ थी। उनका नेटवर्थ 400 करोड़ रुपये था। वो जितना कमाते हैं, उतना ही दान करने पर भी जोर देते हैं। उन्होंने साल 2016 में अपनी 75 फीसदी संपत्ति दान कर दी। नाइक अपनी संपत्ति का अधिकांश हिस्सा स्कूल-अस्पताल की चैरिटी पर खर्च करते हैं। साल 2022 में उन्होंने 142 करोड़ रुपये दान में दिया था। उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि अगर उनके बेटे-बहू भारत नहीं लौटे तो वो अपनी सौ फीसदी संपत्ति दान कर देंगे। नाइक के बेटे और बहू अमेरिका में रहते हैं। अगर उनके बेटे जगनीश ए नाइक गूगल में नौकरी करते हैं। उनकी बहू रचना सेफवे कंपनी में काम करती हैं। बेटी-दामाद भी अमेरिका में डॉक्टर हैं। बच्चों को अमेरिका भेजना वह अपनी सबसे बड़ी गलती मानते हैं। साल 2022 में वो भारत के टॉप 10 दानवीरों में शामिल हुए।

 

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