कोलकाता । मर्चेंट्स चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और एमसीसीआई लेडीज फोरम ने राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा के साथ परिचर्चा आयोजित की । सत्र में “सामाजिक उद्यमिता के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने” पर चर्चा की गयी । परिचर्चा में कोलकाता में ऑस्ट्रेलिया की कौंसुल जनरल रोवन एन्सवर्थ, लेखिका एवं नृत्यांगना आलोकानंदा राय ने भाग लिया ।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि हाल के दिनों में महिलाओं को विभिन्न भूमिकाओं में नेतृत्वकर्ता के रूप में आगे आते देखा गया है। महिलाओं के बीच सामाजिक उद्यमिता की अवधारणा को प्रोत्साहित करने में आयोग महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
शर्मा ने कहा कि एनसीडब्ल्यू ने पूरे भारत में आईआईएम के माध्यम से महिलाओं के लिए चार सप्ताह का उद्यमशीलता प्रशिक्षण शुरू किया है। आयोग ने छात्राओं को डिजिटल साक्षरता में शिक्षित करने और उन्हें नौकरी के लिए तैयार करने के लिए कॉलेजों में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किया है। कोविड -19 के दौरान, आयोग ने मेटा के सहयोग से, महिलाओं को अपने व्यवसायों के लिए सोशल मीडिया का सुरक्षित उपयोग करने के तरीके पर प्रशिक्षित करने के लिए डिजिटल शक्ति कार्यक्रम की शुरुआत की। सुश्री शर्मा ने आगे एनसीडब्ल्यू की कुछ पहलों का उल्लेख किया जिससे कोविड काल के दौरान बहुत से लोगों को मदद मिली।
महिला कैदियों के लिए उपयुक्त वातावरण बनाने के लिए आयोग ने पहले ही बांग्लादेश मानवाधिकार आयोग के साथ समन्वय कर लिया है ताकि वे महिलाएं सामान्य जीवन जी सकें। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार मेंटल होम से ठीक होकर घर वापस आने वाले मरीजों के लिए मिड वे होम बनाए।
कोलकाता में ऑस्ट्रेलिया की कौंसुल जनरल रोवन एन्सवर्थ ने कहा कि मानवाधिकारों में लैंगिक समानता प्राथमिकता होनी चाहिए। समाज को महिलाओं के खिलाफ किसी भी प्रकार की हिंसा, लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण के प्रति जागरूकता पर ध्यान देना चाहिए।
लेखिका एवं नृत्यांगना आलोकानंदा राय ने सुधार गृहों के कैदियों को गीतों और नृत्य के माध्यम से सशक्त बनाने के लिए अपनी अविश्वसनीय यात्रा साझा की। उन्होंने कहा कि कोई भी बच्चा जन्मजात अपराधी नहीं होता है। हर बच्चे के लिए बेहतर माहौल बनाने की जिम्मेदारी समाज की है। सुश्री रॉय ने कहा, “महिला और पुरुष दिवस मनाने के बजाय, हम सभी को अंतर्राष्ट्रीय मानवता दिवस मनाना चाहिए।”
स्वागत भाषण एमसीसीआई के अध्यक्ष नमित बाजोरिया ने दिया । उन्होंने कहा कि सामाजिक उद्यमिता के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाना लैंगिक समानता को बढ़ावा देने की प्रक्रिया है और इसमें महिला-नेतृत्व वाले सामाजिक उद्यम का समर्थन करने के लिए शिक्षा, प्रशिक्षण और वित्तीय संसाधनों तक पहुंच प्रदान करना शामिल है।
इस सत्र में महिला बांस हस्तशिल्प कलाकार शिखा जानोरिया एवं सामाजिक उद्यमी एवं लड़कियों की शिक्षा पर काम कर रही मीम खातून ने परिवर्तन की कहानी साझा की । समाज के लिए उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें कृतिका फेलोशिप से सम्मानित किया गया। क्योर एसएमए इंडिया की सह-निदेशक मोमिता घोष ने भी एसएमए जैसी दुर्लभ बीमारियों से लड़ने वाली माताओं के समूह के बारे में अपनी कहानी साझा की। काउंसिल फॉर एमसीसीआई लेडीज फोरम की चेयरपर्सन नीता बाजोरिया ने धन्यवाद दिया ।