उपेक्षा का शिकार है शहनाई के जादूगर उस्ताद बिस्मिल्ला खान का सामान

वाराणसी : देश और दुनिया भर में शहनाई को मकबूलियत दिलाने वाले उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ां का पद्मभूषण अवार्ड और उनसे जुड़े अन्य सामान यहां हड़हा सराय स्थित उनके घर में उपेक्षित पड़े हैं।

बिस्मिल्ला ख़ां के पोते नासिर ने बताया कि दादा को मिले पद्मभूषण अवार्ड की आज कोई कीमत नहीं है। देख-रेख के अभाव में उसका कुछ हिस्सा दीमक खा रही है। इसके अलावा उनके कमरे में आज भी उनका छाता, कुर्सी, टेलीफ़ोन, जूता, बर्तन और चारपाई है लेकिन वह सब भी उपेक्षा का शिकार है।

नासिर का कहना है कि परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी है कि सबका पेट भरना तक मुश्किल हो रहा है। ऐसे में उनके सामान को सहेजकर रखना परिवार के लिए मुश्किल हो रहा है।

उन्होंने बताया कि उनके दादा के गुजर जाने के बाद वहां एक संगीत अकादमी खोले जाने की बात हुई थी जिसमें दादा से जुड़ी यादों को सहेजने की बात थी लेकिन वह सिर्फ वादा ही रह गया है।

शुभजिता

शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।