इस दिवाली पर ज्यादातर भारतीय परिवार करीब 5-10 हजार रुपए के बीच खर्च करेंगे। यह औसत खर्च पिछले साल के मुकाबले थोड़ा कम है। भारतीय वाणिज्य एंव उद्योग मंडल (एसोचैम) के मुताबिक इस बार दिवाली पर कम खर्च का एक बड़ा कारण कॉर्पोरेट कंपनियों द्वारा इस दिवाली पर बोनस नहीं दिया जाना है। एसोचैम-सोशल डिवेलपमेंट फाउंडेशन की ओर से जारी सर्वे में यह बात निकलकर सामने आई है। एसोचैम के सेक्रटरी जनरल डीएस रावत ने कहा, कि आर्थिक सुस्ती ने उसी जगह हिट किया है जहां दर्द होता है। कन्ज्यूमर सेंटिमेंट नकरात्मक होने की वजह से लोगों के खर्च की आदत में बदलाव हुआ है।
क्या कहता है सर्वे
एसोचैम के हालिया सर्वे के मुताबिक, उपभोक्ताओं का आत्मविश्वास पिछले साल के मुकाबले कम हुआ है. इसका पता इससे लगाया जा सकता है कि खर्च हर आयु वर्ग तथा आय की सीमा पर कम हुआ है। अधिकतर परिवार इस दिवाली 5 हजार रुपये से लेकर 10 हजार रुपये के बीच में खर्च करेंगे। देश के 61 फीसदी लोगों ने माना कि वह दिवाली पर खर्च पुरानी बचत या बोनस से कर रहे हैं।
इस बार लोन और ईएमआई के जरिए हो रही खरीदारी
लोन या ईएमआई पर सामान खरीदने का चलन इस दिवाली बढ़ा है। बैंकों और क्रेडिट कार्ड्स द्वारा उपलब्ध कराई गई ईएमआई स्कीम्स के जरिए 33 फीसदी लोगों खरीददारी कर रहे हैं।
कहां और किन लोग के बीच हुआ सर्वे
सर्वे में 24 से 34 और 35 से 45 उम्र के दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, चेन्नई, अहमदाबाद, लुधियाना, लखनऊ और इंदौर के लोगों को शामिल किया गया।