मालदा : बच्चों की बात कहना ही नहीं बल्कि सुनना भी उतना ही जरूरी है। इससे भी ज्यादा जरूरी है कि उनमें नेतृत्व का गुण विकसित किया जाये जिससे वे खुद बड़ी जिम्मेदारी निभा सकें। आपने बच्चों के लिए फिल्म महोत्सव सुना होगा मगर एक बाल फिल्म महोत्सव ऐसा है जो सिर्फ बच्चों के लिए है और बच्चों द्वारा ही आयोजित किया जाता है। आयोजन की सफलता निरन्तरता में है और दूसरी बार यूनिसेफ तथा मालदा जिला प्रशासन के सहयोग से यह अन्तरराष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव आयोजित कर किशोरों ने अपने हौसले का परिचय दे दिया है। मालदा के एडीएम पद्म सुनाम ने इस अन्तरराष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव का उद्घाटन करते हुए किशोरों के हौसलों की जमकर तारीफ की। ये बाल आयोजक तलाश सोसायटी के नेतृत्व में काम कर रहे बच्चों और किशोरों की 30 सदस्यों वाली कमेटी के सदस्य थे। इस फिल्म महोत्सव की शुरुआत लोकप्रिय बाल फिल्म ‘रेन्बो जेली’ से हुई। इस फिल्म के निर्देशक सौकर्य बसु तथा बाल कलाकार महाब्रत बसु इस अवसर पर उपस्थित थे। फिल्म महोत्सव के अन्तर्गत ‘अरण्यदेब’ फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया। ‘अरण्यदेब’ के निर्देशक देवाशीष सेन शर्मा भी इस मौके पर मौजूद थे। यूनिसेफ की चाइल्ड ऑफिसर स्वप्नदीपा विश्वास ने बताया कि यह बाल फिल्म महोत्सव का दूसरा संस्करण है जिसमें संचालक, प्रदर्शन करने वाले कलाकार, इवेन्ट मैनेजर, डिजाइनर्स, वॉलेन्टियर्स और मीडिया प्रवक्ता की भूमिका में भी बच्चे और किशोर ही थे। इस साल यूनिसेफ की थीम ‘वैल्यू ऑफ गर्ल्स’ यानि ‘लड़कियों का सम्मान’ है। इस बाल फिल्म महोत्सव के माध्यम से उन विषमताओं और भेदभाव को सामने लाने का प्रयास किया जा रहा है जिससे विभिन्न क्षेत्रों में लड़कियाँ जूझ रही हैं। यूनिसेफ का उद्देश्य सभी लड़कियों तक विभिन्न कार्यशालाओं, परिचर्चाओं और फिल्मों के प्रदर्शन के माध्यम से समानता के अधिकारों को प्रोत्साहित करना है।
तलाश सोसायटी की सदस्य सागरिका बांजुरिया ने बताया कि इस फिल्म महोत्सव की तैयारी जुलाई से ही की जा रही थी। यह बाल फिल्म महोत्सव ग्रामीण अँचल को उन वंचित बच्चों तक सिनेमा को पहुँचाने की कोशिश है जो इस तरह के महोत्सवों तक नहीं पहुँच पाते। उसने बताया कि इस वर्ष मालदा के अन्तरराष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव को सफल बनाने में तलाश सोसायटी यूनिसेफ को मालदा जिला प्रशासन, यूनिसेफ और सिने सेन्ट्रल का महत्वपूर्ण सहयोग मिला। इस बाल फिल्म महोत्सव के तहत मालदा के 8 ब्लॉकों में फिल्में प्रदर्शित की गयीं। इन ब्लॉकों में कालियाचक 3, हरीशचन्द्रपुर 1, चांचल 1, रतुआ1, रतुआ 2, हबीबपुर, गाजोल और ओल्ड मालदा शामिल हैं। फिल्म महोत्सव 7 सितम्बर तक चला।