अंततः हमें ही एक दूसरे का हाथ थामना है

नया साल, नयी उम्मीदों का साल। पुरानी स्मृतियों से सीखने की सीख देता नया साल। हिंसा, कड़वाहटों और निराशा के बीच नये साल का आगमन उम्मीदें भरता है और इनको पूरा करने की जिम्मेदारी भी है। गुजरा साल हिंसा, कड़वाहटों, शिकायतों और रक्त से भरा रहा…..इस साल ऐसा बिलकुल न हो…इसकी तो कल्पना हम नहीं कर सकते मगर थोड़ा प्रेम, संवेदना, सहानुभूति की कोंपल तो हम अपने हृदय में रख ही सकते हैं..इनको पुष्पित पल्लवित होने दें…तो क्या एक सुन्दर दुनिया बनाना इतना कठिन कार्य होगा?

इस समय तो न जाने कितनी नाराजगी भरी है…थोड़ी हमारे अन्दर और थोड़ी आपके भीतर…इन शिकायतों और नाराजगी को हम सृजनात्मक रूप भी तो दे सकते हैं।

पता है कि अभी यह यूटोपिया ही है मगर यूटोपिया भी सच में बदल सकती है…जरूरत शुरुआत करने की है….अगर टूटी सड़कों से शिकायत है तो सरकार का इन्तजार करने की जगह हम और आप मिलकर बना दें…क्योंकि टूटी सड़कों से हमको और आपको गुजरना है। बच्चों को सरकार सीट नहीं देती तो हम और आप उनको बसों में बैठा सकते हैं। कहने को छोटी –छोटी बातें हैं मगर बड़े बदलावों की आधारशिला ऐसी ही छोटी बातों से होती है। नाराजगी है तो पास बैठाकर एक – दूसरे की बात सुनिए और सुनाइए…यह जरूरी है क्योंकि अंततः हमें ही एक दूसरे का हाथ थामना है..तमाम शिकायतों और नाराजगी के बीच। अपराजिता की ओर से

आप सभी को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं….नव वर्ष ही नहीं पूरा साल मंगलमय हो…..सुस्वागतम 2018

शुभजिता

शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।

अंततः हमें ही एक दूसरे का हाथ थामना है

नया साल, नयी उम्मीदों का साल। पुरानी स्मृतियों से सीखने की सीख देता नया साल। हिंसा, कड़वाहटों और निराशा के बीच नये साल का आगमन उम्मीदें भरता है और इनको पूरा करने की जिम्मेदारी भी है। गुजरा साल हिंसा, कड़वाहटों, शिकायतों और रक्त से भरा रहा…..इस साल ऐसा बिलकुल न हो…इसकी तो कल्पना हम नहीं कर सकते मगर थोड़ा प्रेम, संवेदना, सहानुभूति की कोंपल तो हम अपने हृदय में रख ही सकते हैं..इनको पुष्पित पल्लवित होने दें…तो क्या एक सुन्दर दुनिया बनाना इतना कठिन कार्य होगा?

इस समय तो न जाने कितनी नाराजगी भरी है…थोड़ी हमारे अन्दर और थोड़ी आपके भीतर…इन शिकायतों और नाराजगी को हम सृजनात्मक रूप भी तो दे सकते हैं।

 

पता है कि अभी यह यूटोपिया ही है मगर यूटोपिया भी सच में बदल सकती है…जरूरत शुरुआत करने की है….अगर टूटी सड़कों से शिकायत है तो सरकार का इन्तजार करने की जगह हम और आप मिलकर बना दें…क्योंकि टूटी सड़कों से हमको और आपको गुजरना है। बच्चों को सरकार सीट नहीं देती तो हम और आप उनको बसों में बैठा सकते हैं। कहने को छोटी –छोटी बातें हैं मगर बड़े बदलावों की आधारशिला ऐसी ही छोटी बातों से होती है। नाराजगी है तो पास बैठाकर एक – दूसरे की बात सुनिए और सुनाइए…यह जरूरी है क्योंकि अंततः हमें ही एक दूसरे का हाथ थामना है..तमाम शिकायतों और नाराजगी के बीच। अपराजिता की ओर से

आप सभी को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं….नव वर्ष ही नहीं पूरा साल मंगलमय हो…..सुस्वागतम 2018

शुभजिता

शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।