Thursday, May 22, 2025
खबर एवं विज्ञापन हेतु सम्पर्क करें - [email protected]

सुप्रीम कोर्ट ने लगायी प्रवासी मजदूरों से बसों-ट्रेनों का किराया लेने पर रोक

सफर से पहले राज्य को खाना उन्हें खाना मुहैया कराएं 
नयी दिल्ली : प्रवासी मजदूरों के पलायन पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अंतरिम आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि ट्रेनों और बसों से सफर कर रहे प्रवासी मजदूरों से किसी तरह का किराया ना लिया जाए। यह खर्च राज्य सरकारें ही उठाएं। कोर्ट ने आदेश दिया कि फंसे हुए मजदूरों को खाना मुहैया कराने की व्यवस्था भी राज्य सरकारें ही करें। इस मसले पर अगली सुनवाई अब 5 जून को होगी।
जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने गुरुवार को मामले पर सुनवाई की। केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में दलीलें रखीं। इस दौरान बेंच ने 4 आदेश दिए और 4 टिप्पणियां कीं।
अदालत के 4 आदेश
1. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रेन और बस से सफर कर रहे प्रवासी मजदूरों से कोई किराया ना लिया जाए। यह खर्च राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारें उठाएं।
2. स्टेशनों पर खाना और पानी राज्य सरकारें मुहैया करवाएं और ट्रेनों के भीतर मजदूरों के लिए यह व्यवस्था रेलवे करे। बसों में भी उन्हें खाना और पानी दिया जाए।
3. देशभर में फंसे मजदूर जो अपने घर जाने के लिए बसों और ट्रेनों के इंतजार में हैं, उनके लिए भी खाना राज्य सरकारें ही मुहैया करवाएं। मजदूरों को खाना कहां मिलेगा और रजिस्ट्रेशन कहां होगा। इसकी जानकारी प्रसारित की जाए।
4. राज्य सरकार प्रवासी मजदूरों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को देखें और यह भी निश्चित करें कि उन्हें घर के सफर के लिए जल्द से जल्द ट्रेन या बस मिले। सारी जानकारियां इस मामले से संबंधित लोगों को दी जाएं।

अदालत की टिप्पणियाँ
1. प्रवासियों को खाना-पानी देने में खामियां देखी गयीं
कोर्ट ने कहा कि घर जाने की कोशिश कर रहे प्रवासी मजदूर जिन मुश्किलों का सामना कर रहे हैं, उन्हें लेकर हम परेशान हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि राज्य सरकारें उनके लिए कदम उठा रही हैं। लेकिन, रजिस्ट्रेशन, ट्रांसपोर्टेशन और खाना-पानी देने के मामलों में कुछ खामियां भी देखने को मिली हैं।
2. सफर में यात्रियों को भरपेट खाना मिला?
केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि राज्य सरकारों से को-ऑर्डिनेट कर प्रवासी मजदूरों को स्पेशल ट्रेनों और बसों से उनके राज्यों में पहुंचाया जा रहा है। 1 मई से 27 मई तक 91 लाख मजदूरों को घर पहुंचा दिया गया। इस जवाब पर कोर्ट ने टिप्पणी की- क्या यात्रा में उन्हें भरपेट खाना खिलाया गया?
3. प्रवासियों को खाना मिलना ही चाहिए
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- क्या प्रवासियों से किसी भी मौके पर टिकट के पैसे मांगे गए? सवाल ये है कि राज्य सरकारें टिकटों के पैसे कैसे चुका रही हैं। अगर प्रवासियों से पैसे ले रहे हैं तो क्या उन्हें यह रकम वापस की जा रही है? ट्रेन के इंतजार के दौरान उन्हें खाना मिल रहा या नहीं? कोर्ट ने कहा- प्रवासियों को खाना मिलना ही चाहिए। सॉलिसिटर जनरल ने जवाब दिया कि खाना दिया जा रहा है।
4. कई जरूरतमंदों को फायदा नहीं मिला
सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हर रोज करीब 3.36 लाख प्रवासियों को उनके राज्यों में पहुंचाया जा रहा है। सरकार ऐसे सभी प्रवासियों को उनके घर पहुंचाएगी। अदालत ने इस पर कहा- बहुत से जरूरतमंद लोगों को फायदा नहीं मिल पाया।
अदालत ने इस मामले में मंगलवार को स्वत: संज्ञान लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मजदूरों की हालत खराब है। उनके लिए सरकार ने जो इंतजाम किए हैं वे नाकाफी हैं। कोर्ट ने इस मामले में केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर 28 मई तक जवाब मांगा था।

शुभजिता

शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।

शुभजिताhttps://www.shubhjita.com/
शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।
Latest news
Related news