कोलकाता : बुधवार की शाम को ‘साहित्यिकी ‘संस्था ने भारतीय भाषा परिषद् के सभाकक्ष में साहित्यिक गीतों का आयोजन किया ।सर्वप्रथम पुलवामा के शहीदों तथा दिवंगत कृष्णा सोबती, अनिता वर्मा और नामवर सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए एक मिनट का मौन रखा गया। इसी क्रम में नयना प्रसाद ने कवि प्रदीप के गीत ‘ए मेरे वतन के लोगों’ के द्वारा जवानों की शहादत को श्रद्धा-सुमन अर्पित किए।
इसके बाद साहित्यिक गीतों को स्वर-बद्ध करने का आरम्भ अर्पिता एवम् सोनम ने हरिवंश राय ‘बच्चन’ के गीत ‘इस पार प्रिये मधु है तुम हो ‘ से किया ।प्रसाद के गीत ‘तुम कनक किरण के अन्तराल में’ को प्रस्तुत किया, इन्दु चांडक ने।मधु सिंह ने दुष्यंत कुमार की गज़ल ‘इस नदी की धार में’ को स्वर दिया ।मृदुला कोठारी ने बच्चन जी के गीत ‘अंधेरी रात में दीपक जलाए कौन बैठा है’ का गायन किया ।सुषमा त्रिपाठी ने प्रसून जोशी के गीत ‘भारत ये रहना चाहिए ‘, गुलाब बैद ने महादेवी वर्मा के मशहूर गीत ‘क्या पूजा क्या अर्चन रे’ ,मंजु गुटगुटिया ने गुलाब खंडेलवाल के गीत ‘जीवन तुझे समर्पित किया’ और विद्या भंडारी ने सुमित्रा कुमारी सिन्हा के ‘आज नये बादल फिर उमड़े’ की सराहनीय संगीतमय प्रस्तुति की ।कार्यक्रम का समापन लोक-गीतों द्वारा किया गया । संस्था की वरिष्ठ सदस्या अमिता शाह ने धन्यवाद-ज्ञापन किया । कार्यक्रम का कुशल संचालन विद्या भंडारी ने किया तथा संयोजन में उनके साथ मंजु गुटगुटिया शामिल थी ।