Saturday, June 21, 2025
खबर एवं विज्ञापन हेतु सम्पर्क करें - [email protected]

शिक्षकों के मनोविज्ञान और उनकी मनोदशा को समझा जाए

सितम्बर का महीना शिक्षकों और हिन्दी के नाम रहता है। आज शिक्षक दिवस है और तरह – तरह के आयोजन हो रहे हैं। 5 सितम्बर ऐसा दिन है जब शिक्षकों की बात की जाती है, उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त की जाती है। कहने की जरूरत नहीं है कि विद्यार्थी इस दिन को बहुत उत्साह के साथ मनाते हैं मगर सवाल यह भी है कि शिक्षकों को समझने की जरूरत तो बनी हुई है और शिक्षक समझें, यह भी जरूरी है। आज के शिक्षक नागार्जुन के शिक्षक की तरह नहीं हैं, वह शिक्षक जो भुखमरी का शिकार हो गया। ऐसा नहीं है कि यह स्थिति अभी तक मिट गयी है मगर यह तो सच है कि शिक्षकों की जीवन शैली में सुधार आया है। परिवर्तन की यह गंगा अभी जमीनी स्तर पर नहीं पहुँची और शिक्षण भी एक सुनिश्चित सेटल जीवन की आकांक्षा पूरा करने वाला कार्यक्षेत्र ही अधिक रह गया है। विषमता तो हर ओर है और सत्य यह है कि शहर के शिक्षक गांवों में पढ़ाना नहीं चाहते और गांव के शिक्षक गांव में रहना नहीं चाहते। जो उच्च शिक्षा प्राप्त शिक्षक हैं, उनको स्कूलों में पढ़ाना अपनी शिक्षा की बर्बादी लगता है और वह हीनता बोध से ग्रस्त हैं। वस्तुतः शिक्षकों पर बढ़ते कार्यभार के बीच विद्यार्थियों के प्रति उनकी सोच को समझने की जरूरत है। तकनीक और किताबों के बीच संतुलन साधने की जरूरत है। जरूरी है कि शिक्षकों के मनोविज्ञान और उनकी मनोदशा को समझा जाए और उसके अनुरूप ही नीतियाँ बनायी जाएं। इससे भी ज्यादा जरूरी है कि हमारी शिक्षा व्यवस्था का आधार आंकड़ों पर नहीं जमीनी सच्चाई पर टिका हो तभी शिक्षा व्यवस्था मजबूत होगी। शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

शुभजिता

शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।

शुभजिताhttps://www.shubhjita.com/
शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।
Latest news
Related news