भारतीय कथा साहित्य किस्सागोई से होते हुए आज एक महत्वपूर्ण मुकाम पर पहुँच चुका है। कथा साहित्य यहाँ तक पहुंचने में विभिन्न तरह के पड़ावों, परिस्थितियों, आंदोलनों से अपने आप को समृद्ध किया है।भारतीय कथा साहित्य की इस यात्रा को बेहतर ढंग से जानने तथा समझने के लिए “भारतीय कथा साहित्य का वर्तमान परिदृश्य और दृष्टि” विषय पर 15फरवरी 2019 को लालबाबा कॉलेज एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन करने जा रहा है। इस संगोष्ठी में हिंदी और बांग्ला के जाने- माने साहित्यकार प्रो0 रामकुमार मुखोपाध्याय, प्रो0 सदानंद साही, प्रो0 सोमा बंद्योपाध्याय , श्री अनुज कुमार आदि उपस्थित रहेंगे।आप इस संगोष्ठी में सादर आमंत्रित हैं।आपके आने से यह संगोष्ठी गौरवान्वित होगी।
यह सेमिनार तीन सत्रों में विभाजित होगा –
उद्घाटन सत्र(9.30-10.30am)
पंजीकरण
अतिथियों का स्वागत
प्राचार्य का सम्बोधन
प्रथम सत्र(10:30am- 12:15pm)
हिंदी कथा साहित्य: वर्तमान परिदृश्य और दृष्टि
i) हिंदी कहानी: वर्तमान परिदृश्य और दृष्टि
ii) हिंदी उपन्यास : वर्तमान परिदृश्य और दृष्टि
iii) विमर्श के विविध आयाम और हिंदी कथा साहित्य (स्त्री/दलित/आदिवासी/किसान आदि संदर्भ)
iv) हिंदी कथा साहित्य में पीढ़ियों का संघर्ष
v) बाजार और हिंदी कथा साहित्य
चाय अवकाश(12:15pm-12:30
दूसरा सत्र(12:30- 2:00PM)
हिन्दीतर कथा साहित्य : वर्तमान परिदृश्य और दृष्टि
i) संस्कृत कथा साहित्य : वर्तमान परिदृश्य और दृष्टि
ii)बांग्ला साहित्य : वर्तमान परिदृश्य और दृष्टि
iii) उर्दू कथा साहित्य : वर्तमान परिदृश्य और दृष्टि
iv) भारतीय अंग्रेजी कथा साहित्य : वर्तमान परिदृश्य और दृष्टि
भोजनावकाश(2pm- 2:30pm)
तीसरा सत्र( 2:30- 4:30PM)
कहानी पाठ और विचार विमर्श
इस राष्ट्रीय परिसंवाद में शोध- पत्र आमंत्रित हैं।शोध पत्र पढ़ने वाले 14 फरवरी तक अपना रजिस्ट्रेशन करवा लें।वाचन के समय एक प्रति संचालक के पास जमा करना आवश्यक है। राष्ट्रीय परिसंवाद में भाग लेने वालों के लिए सर्टिफिकेट की व्यवस्था है जिसके लिए पंजीकरण आवश्यक है।
पंजीकरण शुल्क:
विद्यार्थी : 100 रुपये
शोधार्थी : 200 रुपये
शिक्षक: 250 रुपये
निवेदक :
हिंदी विभाग
लालबाबा कॉलेज
बेलुड़, हावड़ा
कुमार संकल्प द्वारा प्रेषित
(आप भी इस तरह की संगोष्ठियों की सूचना हमें भेज सकते हैं…कृपया मेल करें [email protected]) अथवा अपराजिता के फेसबुक पेज पर कमेन्ट्स बॉक्स में सूचना दें।)