लखनऊ । यूपीएससी का परिणाम आने के बाद तमाम कामयाबी हासिल करने वाले छात्रों को बधाई दी जा रही हैं, उनके इस मुकाम हासिल करने के पीछे की कहानी को सुनकर लोग प्रभावित हो रहे हैं।
इसी बीच बस्ती जिले में रहने वाले बजरंग यादव के IAS बनने की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। दरअसल, बजरंग यादव अपने पिता के हत्यारों को सजा दिलाने के जुनून ने आज वह आईएएस बना गए हैं। आपको बता दें कि बीते 23 मई को UPSC परीक्षा 2022 में बहादुरपुर विकास क्षेत्र के धोबहट गांव के रहने वाले बजरंग ने 454वां स्थान हासिल कर देश के साथ-साथ अपने गांव और समाज का नाम रोशन किया है। बजरंग की मां कुसुमकला धोबहट ग्राम पंचायत की ग्राम प्रधान हैं।
बजरंग प्रसाद यादव 4 भाई हैं, जिसमें अम्बिका यादव घर का काम देखते हैं। अरविंद यादव इंटरमीडिएट की परीक्षा पास किए हैं और विकास अभी 8वीं की परीक्षा पास किए हैं। बहन अभी दो माह पूर्व देश की सेवा के लिए आर्मी में मैटेरियल असिस्टेंट के पद पर भर्ती हुई है। बजरंग की इस सफलता पर घर में दादी रेशमा देवी, चाचा दिनेश यादव, चाचा उमेश यादव, चाची सुमनदेवी, मंजू देवी ने खुशी जताई।
2020 में ही हुई थी बजरंग के पिता की हत्या मिली जानकारी के अनुसार, बजरंग यादव के पिता राजेश यादव किसान थे, गांव में ही वह खेती बाड़ी किया करते थे। इसके साथ ही वह गांव केगरीब और असहाय लोगों की मदद भी किया करते थे। इनके पिता का जुनून इस कदर था कि किसी भी गरीब का यदि कोई जमीन कब्जा कर लेता था तो उन दबंगों से बजरंग यादव के पिता अकेले ही भिड़ जाते थे और उन्हें उनकी जमीन वापस दिला कर ही रहते थे। बजरंग के पिता का यह कार्य गांव के दबंगों को रास नहीं आया और 2020 में दबंगों ने साजिश करके इनके पिता की हत्या कर दी थी, जिसके बाद बजरंग का घर तबाह हो गया।
घर में पिता के साथ घटना होने के बाद बजरंग ने पिता के हत्यारों को सजा दिलाने और गरीबों को न्याय दिलाने के लिए आईएएस अधिकारी बनने की ठान ली और जुनून सिर पर इस कदर सवार हुआ कि उन्होंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा। यूपीएससी की तैयारी दिल्ली में कर रहे थे आपको बता दें कि बजरंग प्रसाद यादव की शुरुआती पढ़ाई उनके गांव में हुई थी। दसवीं की परीक्षा लिटिल फ्लावर स्कूल कलवारी और इंटरमीडिएट की परीक्षा उर्मिला एजुकेशनल एकेडमी बस्ती से हुई। अपने अरमानों को लेकर वह साल 2019 में बीएससी मैथ से इलाहाबाद यूनिवर्सिटी गए जहां उन्होंने पढ़ाई पूरी की और यूपीएससी की तैयारी दिल्ली दिल्ली से करने लगे। बजरंग प्रसाद यादव के इस सफलता के बाद लोगों में खुशी का माहौल है।