कोलकाता । तनिष्क ने प्रस्तुत किया है ‘कोनकोनकोथा’ – त्योहारों और शादियों में पहने जाने वाले कंगनों का शानदार कलेक्शन। बांग्ला संस्कृति में गहराई से जड़ा हुआ यह कलेक्शन, पहचान, भावना और परंपरा के प्रतीक माने जाने वाले कंगनों का कालातीत महत्व उजागर करता है। मशहूर एक्ट्रेस मिमी चक्रबोर्ती ने कोलकाता के ताज बंगाल में इसका अनावरण किया। कोनकोनकोथा में निपुण कारीगरी के ज़रिए सीज़न के सार को साकार किया है। हर आभूषण इस क्षेत्र की गहरी परंपराओं को दर्शाता है, इसमें अल्पना मोटिफ्स हैं जो शुद्धता और पवित्रता के प्रतीक हैं, बंगाली प्रथाओं, शादियों और त्योहारों की पवित्रता को प्रतिबिंबित करते हैं। हर कंगन निपुण कारीगरी का नमूना है। सोने के कई तरह के कंगन इसमें हैं जैसे कि, कंकण – वैवाहिक आनंद और समृद्धि को दर्शाते हैं, लोहा – मज़बूती, टिकाऊपन और सुरक्षा का प्रतीक है, लचीलेपन का महत्त्व बताता है और बाला – शान प्रदान करता है, चूर – खूबसूरती, शान और जीवन के खुशियों से भरे सफर को दर्शाता है। जामदानी के नाजुक फ्लोरल और पेस्ले पैटर्न, तंत साड़ियों के अर्ध-चंद्रमा जैसे सिग्नेचर मोटिफ और बाटिक के क्षेत्रीय प्रिंट को हर कंगन में बहुत ही खूबसूरती से साकार किया गया है। हर डिज़ाइन में बंगाल की कला विरासत को आधुनिक महिलाओं के लिए बहुत ही सोच-समझकर कैप्चर किया गया है। टाइटन कंपनी लिमिटेड के रीजनल बिज़नेस हेड सोमप्रभ सिंह ने कहा, “कोनकोनकोथा में हर कंगन मात्र एक आभूषण नहीं, बल्कि संजोकर रखी हुई यादों, चिरस्थायी रिश्तों और बंगाली कला का प्रतिबिंब है। पोइला बोइशाख हो या शादी हो, नयी शुरूआत के लिए पूरा परिवार इकठ्ठा आएगा, तब यह खूबसूरत कंगन प्यार, समृद्धि और सांस्कृतिक सम्मान का प्रतीक बनेंगे। तनिष्क को गर्व है कि इस कलेक्शन के साथ हम परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं, साथ ही एक ऐसी विरासत बना रहे हैं जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को सौंपी जाएगी।”