बीकानेर : अब तक राजस्थानी वेशभूषा में नजर आने वाले गवर-ईसर (गणगौर व ईसर) का लुक बदल गया है। ये भी अब मॉर्डन लुक में नजर आ रहे हैं। गवर-ईसर ने जींस पहन ली है। नए लुक में गवर-ईसर ही नहीं भाइया (उनका पुत्र) भी आ गया है। गवर-ईसर ने जींस पहनने के अलावा बेल्ट भी लगाई है। इतना ही नहीं ये सामाजिक सरोकारों के संदेश भी दे रहे हैं।
मॉर्डन ड्रेस में आए गवर-ईसर अपने भाइये के साथ बेटी बचाने का संदेश भी दे रहे हैं। लकड़ी से बने ये गवर-ईसर इन दिनों शहर के लोगों की पसंद बने हुए हैं। ये गवर-ईसर तैयार किए हैं कलाकार राम भादाणी ने। लकड़ी के बने गवर-ईसर को राम गोल्डन आर्ट से तैयार करते हैं। गवर-ईसर और भाइये पर गोल्डन आर्ट के अलावा बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ का संदेश भी लिखा है। वे बताते हैं 16 दिनों तक किए जाने वाले इस पूजन में गवर-ईसर पर सबकी नजर होती है। ऐसे में गवर-ईसर के माध्यम से बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ का संदेश का संदेश देने का प्रयास कर रहा हूं। कुंंवारी कन्याएं और युवतियां धुलंडी के दिन से चैत्र शुक्ला तृतीया तक चलने वाले गणगौर पूजन करती है। शीतला अष्टमी से अगले सात दिन तक गणगौर पूजन सुबह और शाम दोनों समय किया जाता है। इसके बाद कन्याएं, युवतियां और महिलाएं गणगौर व ईसर को पानी पिलाने की रस्म के दौरान गीत गाए जाते हैं।