Friday, September 19, 2025
खबर एवं विज्ञापन हेतु सम्पर्क करें - [email protected]

कोलकाता में छाया साहित्य आज तक 2024 का रंग

कोलकाता । कोलकाता में आजतक की ओर से साहित्य आज तक 2024 का आयोजन किया गया । एक साहित्यिक उत्सव जो अपनी विविध घटनाओं और प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों के साथ दर्शकों को आकर्षित करने में सफल रहा। भारत आज तक समूह द्वारा आयोजित इस उत्सव ने प्रसिद्ध लेखकों, कवियों, गायकों, और कलाकारों को साहित्य और संस्कृति की समृद्धता का जश्न मनाने के लिए एकत्रित किया। इस घटना को, स्वाभूमि द हेरिटेज में आयोजित किया गया, ने दो मंचों पर जीवंत प्रदर्शनों और समझदार चर्चाओं का एक विविध पंक्ति प्रस्तुत किया। “हल्ला बोल चौपाल” मंच पर अभिजीत भट्टाचार्य, बाबुल सुप्रियो, शत्रुघ्न सिन्हा, स्वानंद किरकिरे, और शैलेश लोढ़ा जैसे प्रसिद्ध व्यक्तित्वों की मौजूदगी थी, जिन्होंने अपनी प्रदर्शन करते समय और विचारों से दर्शकों को मोहित किया। इसके बीच, “दस्तक दरबार” मंच पर उपस्थित लोगों को विभिन्न साहित्यिक विषयों पर रोचक चर्चाओं का आनंद लेने को मिला, जिसमें हिंदी साहित्य पर सोशल मीडिया का प्रभाव, समय और साहित्य का संगम, अनुवाद का महत्व, और बंगाली साहित्य की सार्थकता शामिल थी। पल्लवी पुंडीर, सारदा बनर्जी, उमा झुनझुनवाला, इतु सिंह, जोया मित्रा, और जयंत घोषाल जैसे प्रमुख वक्ताओं ने मंच पर गरीबों को मिली, जिनसे मानवीय बातचीतों और प्रतिबिम्बों की शुरूआत हुई।
उत्सव में संगीतिक श्रद्धांजलियां भी शामिल थीं, जिसमें अरमान खान द्वारा उस्ताद राशिद खान को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए एक आकर्षक प्रदर्शन शामिल था, और समापन संगीत प्रदर्शन भी पापोन द्वारा प्रस्तुत किया गया। साहित्य आज तक 2024 की सफलता पर, आज तक समूह ने कहा, “हमें साहित्य आज तक 2024 में इतनी उत्साही भागीदारी और बिंदास रहने पर खुशी है। यह उत्सव साहित्य, संस्कृति, और रचनात्मकता का एक महोत्सव रहा है, और हम सभी प्रतिभागियों, उपस्थित लोगों, और साथीदारों का आभारी हैं जिन्होंने इसे एक यादगार घटना बनाया।”
पहले दिन राजस्थान के लोक गायक मामे खान ने शिरकत की. ‘केसरिया बालम… पधारो महारे देश’ सेशन में उन्होंने ‘पधारो म्हारे देश’ से लेकर ‘जद देखूं बन्ना री लाल पीली अंखिया’ तक पर शानदार प्रस्तुति दी। लेखक और त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय, लेखक आशुतोष और लेखक हिंडोल सेनगुप्ता शामिल हुए । उद्योग घराने, सामाजिक सरोकार’ सेशन में हर्षवर्धन नियोतिया और लेखक संदीप भुटोरिया ने भाषा और साहित्य पर बात की। लेखक संदीप भूतोड़िया ने कहा कि हिंदी के लेखकों को भी वही स्थान मिलना चाहिए, जो अंग्रेजी के लेखकों को मिलता है। पहले दिन कवि अनिल पुष्कर, आनंद गुप्ता और कवयित्री मुन्नी गुप्ता, पूनम सोनछात्रा ने शिरकत की। ‘क्योंकि कविता जरुरी है…’ सत्र में सभी ने अपनी-अपनी रचनाओं से अपनी बात रखी। पौराणिक कथाकार, लेखक और वक्ता देवदत्त पटनायक ने अपने अनुभव साझा किए. पटनायक ने पौराणिक कथा बनाम मिथ्या और उपन्यास बनाम आख्यान पर कई जरूरी बातें बताई। लेखक ने कहा कि जब आप ये जानते हो कि आपके बिना भी दुनिया चलेगी. आप रहें न रहें ये दुनिया चलती रहेगी।
दूसरे द‍िन मंच पर आमंत्रित थी 4 प्रत‍िष्ठ‍ित लेख‍िकाएं पल्लवी पुंडीर, शारदा बनर्जी इतु सिंह और उमा झुनझुनवाला. तीनों ने ‘सोशल मीडिया के दौर में हिंदी कहानी का संकट’ पर अपने व‍िचार रखे। साहित्य आजतक’ के कार्यक्रम में उस्ताद राशिद अली खान के बेटे अरमान ने कहा कि लोग मेरी और पापा की तुलना करने लगते हैं लेकिन राशिद खान अलग हैं, उनके जैसा कोई बन नहीं सकता है। प्रियंकर पालीवाल ने कहा कि चाहे जितना संकट और कठिनाइयां आएं साहित्य रहेगा, हम इसको बचाएंगे’। प्रो. अमरनाथ शर्मा ने कहा कि बिना पढ़े ठीक साहित्य नहीं रचा जा सकता है, अगर साहित्यकार दुनिया को समझेगा नहीं, तो क्या लिखेगा। आज का सबसे बड़ा संकट है कि हमारे अंदर की संवेदनाएं खत्म हो रही हैं। प्रो. सत्या उपाध्याय ने कहा कि अनुवाद के सेतु पर सवार होकर एक भाषा दूसरे तक पहुंचती है’। उन्होंने अनुवाद के महत्व पर प्रकाश डाला ।

शुभजिता

शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।

शुभजिताhttps://www.shubhjita.com/
शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।
Latest news
Related news