होली के उत्साह में बच्चों का रखें खास ख्याल

रंगों का त्योहार होली आने वाली है। इस वर्ष होली 25 मार्च को है। इस पर्व को बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्ग तक सभी उत्साह से मनाते हैं। बच्चे तो होली को लेकर अति उत्साहित रहते हैं। पहले से ही अपनी पिचकारी मंगवा लेते हैं, और उसमें पानी भरकर खेला करते हैं। होली वाले दिन तो पिचकारी और रंग लेकर घर के बाहर निकल जाते हैं। दोस्तों, आस पड़ोसियों पर पिचकारी के रंगों की बौछार करने से बच्चों को रोकना मुश्किल हो जाता है। बच्चों के इस उत्साह और मस्ती को देख माता पिता के साथ ही करीबी भी बहुत खुश होते हैं। लेकिन होली में कई बार कुछ लापरवाही रंग में भंग का काम करती हैं। होली के उत्साह में अगर आप बच्चों की मस्ती को नजरअंदाज कर रहे हैं या उनका ध्यान नहीं दे रहे हैं तो त्योहार के मजे में खलल पड़ सकता है। इसलिए होली के दौरान बच्चों का खास ख्याल रखने की जरूरत है, साथ ही कुछ सावधानियां भी बरतनी चाहिए।
गुब्बारों से दूरी – होली में बच्चे नई नई तरह की पिचकारी की डिमांड करते हैं। पिचकारी सिर्फ रंग खेलने के लिए होनी चाहिए। सुरक्षा की दृष्टि से वह खराब न हो। इसलिए ऐसी पिचकारी घर लाएं जो आपके बच्चे या दूसरे बच्चों को चोटिल न कर दें। इसके अलावा होली में अक्सर बच्चे गुब्बारों में पानी भरकर खेलते हैं। एक दूसरे पर पानी भरे गुब्बारे फेंकते हैं जो फटने पर सामने वाले को चोटिल कर सकता है इसलिए होली में रंग वाले गुब्बारे खेलने से बचना चाहिए। बच्चों के लिए होली में पिचकारी और रंग तो लाएं लेकिन गुब्बारे लेकर घर न आएं। साथ ही उन्हें मना करें कि बाहर दोस्तों के रंग वाले गुब्बारों से भी न खेलें।
केमिकल रंगों से बचाएं – आजकल होली में जिन रंगों की उपयोग होता है वह अधिकांश केमिकलयुक्त होते हैं। बाजारों में मिलावट और केमिकल वाले रंग मिलते हैं, जो त्वचा, आंखों को नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे रंगों की पहचान करके ऑर्गेनिक कलर ही लाएं। हालांकि हो सकता है कि दूसरे बच्चे मिलावटी रंगों का उपयोग कर रहे हों, उस से अपने बच्चे को बचाने के लिए कलरफुल और फंकी गॉगल्स पहनाएं ताकि उन की आंखें सुरक्षित रहें। इसके अलावा फुल बांह के कपड़े पहनाएं, जिससे त्वचा ढकी रहे और रंगों के सम्पर्क में आने की संभावना कम रहे।
रखें नजर – बच्चा जब रंग खेलने के लिए घर से बाहर सोसायटी या कॉलोनी में निकले तो आप काम में व्यस्त न हो जाएं। उसे अपने दोस्तों संग खेलने के लिए अकेला न छोड़ें, बल्कि नजर रखें। बीच-बीच में देखें कि आपका बच्चा कहां और किन लोगों के साथ खेल रहा है। अक्सर बच्चे खेलते वक्त गिर जाते हैं या रंग उनकी आंखों में जा सकता है। ऐसे वक्त पर अगर आप सही समय पर उन्हें मदद नहीं करेंगे तो समस्या बढ़ भी सकती है। सुरक्षा की दृष्टि से भी निगरानी जरूरी है।
खान-पान न बिगाड़ दे सेहत – होली में सिर्फ रंग ही नहीं, तला भुना खाना, बहुत अधिक मिठाई और तरह तरह के व्यंजनों का अधिकता से सेवन भी बच्चे के पाचन को बिगाड़ सकता है। फूड पॉइजनिंग का खतरा भी रहता है। इसलिए होली की मस्ती में उनकी सेहत खराब न हो जाए, इसके लिए खानपान का विशेष ध्यान रखें।

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