राजस्थान, एमपी, कश्मीर समेत कई लोकेशन पर; 2 साल में भारत में कमाई 30% बढ़ सकती है
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी फिल्म इंडस्ट्री हॉलीवुड को भारत भा गया है। भारतीय बाजार की क्षमता देखकर अब हॉलीवुड अपनी पहुँच बढ़ाएगा। आने वाले समय में हॉलीवुड फिल्मों में न केवल भारतीय सितारे और किरदार बढ़ेंगे बल्कि उनकी भारत में शूटिंग भी बढ़ेगी। हॉलीवुड के बड़े निर्देशक, स्टूडियो शूटिंग के लिए भारत जाने और भारतीय दर्शकों के लिहाज से फिल्म बनाने की तैयारी में हैं। उनके जेहन में कश्मीर, मुंबई, जयपुर, दिल्ली, कोलकाता, गोवा, एमपी समेत कई विकल्प शूटिंग लोकेशन के रूप में हैं। दरअसल, अमेरिका ने कोरोना के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया तो वहां के लोगों ने हॉलीवुड फिल्मों से किनारा कर लिया। वहीं, क्रिस्टोफर नोलन की ‘टेनेट’ और सुपरहीरो फिल्म ‘वंडर वुमन’ के बाद हॉलीवुड को भारतीय बाजार की ताकत समझ में आई। कोरोना के चलते अमेरिका में सिनेमाघर बंद होने के बीच भारत में रिलीज हुई इन फिल्मों ने अच्छा बिजनेस किया। टेनेट का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 12.43 करोड़ और वंडरवुमन का 15.54 करोड़ रुपए रहा। यह महामारी के लिहाज से काफी ज्यादा था। नोलन ने बीते साल सितंबर में ‘टेनेट’ फिल्म के कुछ दृश्यों की शूटिंग मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल और ताज महल पैलेस में की। फिल्म को भारतीय टच देने के लिए ‘प्रिया’ नाम के चरित्र को प्रमुखता से जगह दी। प्रिया का किरदार निभाने वाली डिंपल कपाड़िया का नाम फिल्म के पोस्टर पर भी था। फिल्म ने महामारी के दौर में दुनिया में 2,600 करोड़ रुपए का बिजनेस किया।
हॉलीवुड की 70 फीसदी कमाई विदेश से, चीन का हिस्सा 50%
हॉलीवुड फिल्मों की 2019 में हुई कमाई में 70% हिस्सा विदेश से था। जबकि 1991 में हिस्सेदारी 30% थी। वहीं, 2019 की कमाई में चीनी मार्केट की हिस्सेदारी 50% से ज्यादा थी। ‘एवेंजर्सः एंडगेम’ ने चीन में 30 हजार करोड़ से ज्यादा कमाए। ऐसे में महामारी से उबरने में हॉलीवुड चीन पर निर्भर हो गया था।
भारत की ज्यादातर क्षेत्रीय भाषाओं में हो रही डबिंग
हॉलीवुड स्टूडियो भारत के बहुभाषी मार्केट में पहुंच मजबूत करने के लिए क्षेत्रीय भाषाओं में फिल्मों की डबिंग का बजट दोगुना कर दिया है। ज्यादातर हॉलीवुड फिल्मों की सबटाइटल और डबिंग भारतीय क्षेत्रीय भाषा में हो रही है। अगले महीने भारत में जेम्स बांड की फिल्म ‘नो टाइम टू डाइ’ आएगी। मई में ‘ब्लैक विडो’ और फॉस्ट एंड फ्यूरिस सीरिज की ‘एफ9′, जुलाई में टॉम क्रूज की ‘टॉप गनः मेवेरिक’ रिलीज होगी। ‘मोर्टार कॉम्बैट’, ‘ए क्वाइट पैलेसः पार्ट-2′, ‘गोडजिला वर्सेज कांग’, ‘द कन्ज्यूरिंग’ भी इसी दौरान आएगी।
27 हजार करोड़ है भारतीय फिल्म इंडस्ट्री का सालाना बजट
भारतीय फिल्म इंडस्ट्री का सालाना बजट करीब 27 हजार करोड़ रुपए है। हॉलीवुड के प्रमुख निर्माताओं के स्टूडियो वॉर्नर ब्रदर्स के प्रवक्ता ने बताया, हम इस साल के अंत या अगले साल शुरुआत तक भारत में शूटिंग की योजना बना रहे हैं। वहां शूटिंग बढ़ाने के साथ ही फिल्मों में भारतीय कैरेक्टर और पहचान भी प्रमुखता से रखेंगे। वार्नर ब्रदर्स साल में 100 से ज्यादा फिल्म बनाता है। हॉलीवुड एनालिस्ट इरिक वॉल्ड कहते हैं कि हमें नए और उभरते बाजारों की जरूरत है। भारत जैसा देश, जिसके पास खुद चार अरब डॉलर की फिल्म इंडस्ट्री है, वह चीन का स्वाभाविक विकल्प है।
2015 में बॉक्स ऑफिस में हॉलीवुड की हिस्सेदारी 8%, जो 2019 में 21% हो गई।
2018 में भारत से 921 करोड़ रुपए कमाए। यह 2019 में 1220 करोड़ रुपए हो गया।
अगले दो साल में कमाई 25 से 30% तक बढ़कर 1600 करोड़ रु. तक पहुंच सकती है।
(साभार – दैनिक भास्कर)