Tuesday, April 22, 2025
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सॉफ्टवेयर बाजार में भारत का दबदबा, इस साल 56 हजार करोड़ के कारोबार की उम्मीद

नयी दिल्ली : इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन (आईडीसी ) ने नयी रिपोर्ट जारी की है। इसके अनुसार 2021 के अंत तक भारतीय सॉफ्टवेयर बाजार ( 7.6 बिलियन डॉलर) 56 हजार करोड़ रुपये तक पहुँचने का अनुमान लगाया है। भारत का सॉफ्टवेयर बाजार 2020 में लगभग 52 हजार करोड़ रुपये (7 बिलियन डॉलर) आंका गया था, जो कि 2019 की तुलना में साल-दर-साल 13.4 प्रतिशत ज्यादा है।
एशिया में भारत की हिस्सेदारी 17.5 प्रतिशत रही
2020 में पूरे एशिया/प्रशांत (जापान और चीन को छोड़कर) (APEJC) में सॉफ्टवेयर मार्केट में भारत की हिस्सेदारी 17.5 प्रतिशत थी। माइक्रोसॉफ्ट,ओरेकल और एसएपी जैसी सॉफ्टवेयर कंपनी साल 2020 के दौरान भारतीय बाजार में सबसे आगे रहीं।

अगले 4 साल में 11.6 प्रतिशत विकास का अनुमान
आईडीसी का अनुमान है कि भारत का समग्र सॉफ्टवेयर मार्केट 2020 से 2025 तक 11.6 प्रतिशत की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (सीएजीआर) से बढ़ने की उम्मीद है। रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय इंटरप्राइजेज टेक्नोलॉजी में निवेश करना जारी रखेगा जो उन्हें ऑपरेशन करने में सुधार होगा और कर्मचारी की काम करने की कैपासिटी में सुधार के लिए इनोवेशन को बढ़ावा देने में मदद करेगा और बदले में बिजनेस को गति मिलेगी।
आईडीसी को उम्मीद है कि प्लेटफॉर्म-एज-ए-सर्विस (पीएएएस) और सॉफ्टवेयर-एज-ए-सर्विस (एसएएएस) मार्केट के सभी सॉफ्टवेयर मार्केट में 2020 में 36.8 प्रतिशत से बढ़कर 2025 में 57.1 प्रतिशत हो जाएगा।

आईटी और सेल्स सेक्टर में इंक्रीमेंट सामान्य से ज्यादा
रिपोर्ट के मुताबिक महामारी से कारोबार में आईटी का महत्व बढ़ा है। वहीं, लॉकडाउन के बाद से सेल्स वाली नौकरियों में नियुक्ति बढ़ी है। यह रिपोर्ट अहमदाबाद, बेंगलुरू, चंडीगढ़, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई और पुणे में 17 सेक्टरों के 2,63,000 प्रोफाइल्स के एनालिसिस पर तैयार की गयी है। इसमें कहा गया है कि सेल्स सेक्टर में 9.82 प्रतिशत और आईटी सेक्टर 8.55 प्रतिशत का इंक्रीमेंट मिला, जो कि सामान्य इंक्रीमेंट (7.12 प्रतिशत ) से ज्यादा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की चार दशक पुरानी आईटी सर्विसेज इंडस्ट्री से जुड़े टेक्नोलॉजी एंटरप्रेन्योर्स ने हजारों स्टार्टअप्स शुरू किए हैं। यह स्टार्टअप उच्च दर्जे के सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन उपलब्ध करा रहे हैं। इसमें बिलिंग से लेकर ग्राहक सपोर्ट जैसी सेवाएं शामिल हैं। यह स्टार्टअप क्लाउड के जरिए सब्सक्रिप्शन के आधार पर सर्विस देते हैं। चार्जबी इंक जैसे कई स्टार्टअप ग्लोबल स्तर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वहीं, फ्रेशवर्क्स जैसे स्टार्टअप शेयर बाजारों में लिस्ट हो रहे हैं।
(साभार – दैनिक भास्कर)

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