शिलांग (मेघालय) : स्कूल में चिढ़ाए जाने और धमकियों से परेशान होकर 9 साल की छात्रा ने ‘एंटी बुलिंग मोबाइल एप्लिकेशन’ बनाई है। इसकी मदद से पीड़ित की पहचान उजागर किए बिना ऐसी घटनाओं की जानकारी सीधे अधिकारियों तक पहुंचाई जा सकेगी। कक्षा 4 में पढ़ने वाली मैदाईबाहुन मॉजा ने इसे बनाया है। छात्रा की इस कोशिश की राज्य सरकार ने भी सराहना की है।
मैदाईबाहुन मॉजा का कहना है कि वह जब नर्सरी से में थी, तभी से धमकियां मिल रही थीं। इससे मुझे प्रभावित किया। इससे परेशान होकर मैंने इस परेशानी का हल निकालने का फैसला किया। मैं नहीं चाहती थी कि कोई और बच्चा इस तरह की घटनाओं का सामना करे। उसने बताया कि स्टूडेट्स के एक समूह ने एक बार उसके खिलाफ गैंग बना लिया था। दूसरे स्टूडेंट्स से भी बात न करने को कहा। उनमें से एक ने मेरे पैरों पर मुहर लगा दी थी।
कैसे काम करता है यह ऐप
मॉजा ने बताया कि ऐप का इस्तेमाल करने वाले यूजर को धमकी देने वालों के नाम सहित घटनाओं का विवरण देना होगा। इसके अलावा, इससे संबंधित व्यक्तियों को भी संदेश भेज सकेंगे। इससे अधिकारियों को आवश्यक जानकारी मिलती है और वह आगे कार्रवाई करने का फैसला ले सकते हैं। मॉजा की मां दासुमलिन माजॉ ने बताया कि उसने पिछले साल सितंबर में एक ऐप-डेवलपमेंट कोर्स में दाखिला लिया था। इसके बाद कुछ महीनों में उसने ऐप डेवलप करना सीख लिया। विप्रो अप्लाइंग थॉट्स इन स्कूल्स और टीचर फाउंडेशन ने 2017 में एक सर्वे किया था, जिसमें खुलासा हुआ था कि भारत में 42 प्रतिशत बच्चों को स्कूलों में तंग किया जाता है।