नयी दिल्ली । साल 2021 मार्च में, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राजयसभा के अपने संबोधन में बताया था कि नए संसद भवन के निर्माण के बाद इस भवन की मरम्मत की जाएगी ।
इसे फिर से तैयार किया जाएगा । इंडिया टुडे ने अपने रिपोर्ट में बताया कि सरकार इसके पुरातात्विक महत्त्व को देखते हुए इसे संरक्षित रखने का विचार कर रही है। इस भवन को ढहाया नहीं जाएगा बल्कि इसे संरक्षित किया जाएगा. और इसका इस्तेमाल संसद से जुड़े कार्यक्रमों के आयोजन के लिए इस इमारत का इस्तेमाल किया जाएगा ।
सरकार के मुताबिक, पुरानी संसद को गिराया नहीं जाएगा, बल्कि उसे संरक्षित किया जाएगा । 2022 के रिपोर्ट में बताया गया था कि ने संसद भवन के निर्माण के बाद अभी इस्तेमाल हो रहे संसद भवन को संग्रहालय के रूप में तब्दील किया जाएगा । वहीं, विज़िटर्स को लोकसभा के चेम्बर में बैठने की अनुमति दी जाएगी ।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि नए संसद भवन के लिए आवंटित बजट लगभग 862 करोड़ रुपये था और परियोजना के लिए डिजाइन सलाहकार बिमल पटेल के नेतृत्व वाली गुजरात स्थित आर्किटेक्चर फर्म एचसीपी डिजाइन है । वहीं, नई संसद भवन की जरूरत पर बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस भवन का निर्माण काउंसिल हाउस के तौर पर निर्माण किया गया था, इसे कभी भी पूर्ण संसद के रूप नहीं डिज़ाइन किया गया था ।