मुम्बई की भौतिकी वैज्ञानिक रोहिणी गोडबोले को फ्रांस के प्रतिष्ठित सम्मान ऑर्डर नेशनल ड्यू मेरिट से सम्मानित किया गया। उन्हें ये पुरस्कार न सिर्फ फ्रांस और इंडिया के बीच सहयोग के कारण बल्कि विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं को आने के लिए प्रोत्साहित करने की वजह से भी मिला। यह घोषणा 13 जनवरी 2021 को आईआईएससी बेंगलुरु द्वारा की गई। रोहिणी सेंटर फॉर हाई एनर्जी फिजिक्स, भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलुरु में प्रोफेसर हैं। रोहिणी का जन्म महाराष्ट्र के पुणे में हुआ। उन्होंने सर परशुराम भाऊ कॉलेज, पुणे से बीएससी की डिग्री ली। इसके बाद रोहिणी ने भारतीय प्रौघोगिकी संस्थान मुंबई से एमएससी किया। 1979 में इस महिला वैज्ञानिक ने ब्रूक स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क से पीएचडी की। उन्होंने 1982 में 1995 तक बॉम्बे यूनिवर्सिटी के फिजिक्स डिपार्टमेंट में लेक्चरर और रीडर के तौर पर काम किया। 1995 में रोहिणी ने इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ साइंस, बेंगलुरु में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप मे काम किया है। 1998 में वह प्रोफेसर बनीं।फिजिक्स के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए सराहनीय कार्यों के लिए 2019 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया। इससे पहले 2009 में उन्हें सत्येंद्रनाथ बोस पदक मिला। रोहिणी ने अब तक तीन किताबों का संपादन किया। उनकी एक किताब लीलावती की बेटियों, भारत की महिला वैज्ञानिकों पर आधारित थी। उन्होंने 150 से अधिक शोध पत्रों का लेखन भी किया है।