स्कूलों में अगले शैक्षणिक सत्र से त्रिभाषा फार्मूला में जर्मन और फ्रेंच जैसी विदेशी भाषाएं शामिल नहीं होंगी। माना जा रहा है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से कहा है कि विदेशी भाषा पढ़ने के इच्छुक छात्रों को इसे चौथी या पांचवीं भाषा के विषय के रूप में विकल्प चुनना चाहिए।
एक सूत्र ने कहा कि संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भाषाओं को त्रिभाषा फार्मूला के तहत पढ़ाया जाना चाहिए, जबकि विदेशी भाषाओं को चौथी भाषा के तौर पर। सूत्र के मुताबिक, सीबीएसई के साथ विचार-विमर्श किया जा रहा है और अगले सत्र से बदलाव कर दिए जाएंगे।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत त्रिभाषा फार्मूला का अर्थ यह है कि हिंदीभाषी राज्यों के छात्रों को हिंदी व अंग्रेजी के अलावा एक आधुनिक भारतीय भाषा सीखनी चाहिए। वर्तमान में 18 हजार मान्यता प्राप्त संस्थान छात्रों को मातृभाषा या हिंदी, अंग्रेजी और जर्मन व मंदारियन जैसी एक विदेशी भाषा आठवीं कक्षा तक पढ़ाते हैं। पिछले साल दिसंबर में सीबीएसई ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को त्रिभाषा फार्मूला का प्रस्ताव भेजा था।